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कर्मचारियों को RSS की शाखा में जाने पर रोक नहीं, धामी सरकार का फैसला

केंद्र के बाद इस तरह की व्यवस्था को लागू करने के मामले में उत्तराखंड सरकार अव्वल हो गई है. हालांकि इस आदेश का विपक्षी दलों ने विरोध भी शुरू कर दिया है.

कर्मचारियों को RSS की शाखा में जाने पर रोक नहीं, धामी सरकार का फैसला
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नवनीत कुमार
by: नवनीत कुमार

Published on: 6 Sept 2024 8:10 AM

उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर पाबंदी हटा ली है. कहा है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी इच्छा से आरएसएस की शाखा या अन्य किसी भी सांस्कृतिक-सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है. यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसके आचरण को उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के खिलाफ नहीं माना जाएगा. राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. हालांकि इसी के साथ सरकार ने सभी कर्मचारियों को चेताया भी है कि इससे उनके राजकीय काम, कर्तव्य और दायित्व प्रभावित नहीं होने चाहिए.

किसी भी कर्मचारी को आरएसएस या अन्य किसी भी सामजिक संस्था के कार्यक्रम में भाग लेना है तो वह ऑफिस टाइम के पहले या बाद में ही कर सकता है. किसी भी कर्मचारी को ऑफिस छोड़ कर जाने की अनुमति नहीं होगी. यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसे आचरण नियमावली के खिलाफ माना जाएगा. बता दें कि इससे पहले इसी तरह का आदेश केंद्र सरकार ने भी जारी किया था. इसमें केंद्र ने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में भाग लेने की छूट दी गई थी. केंद्र के बाद राज्यों में इसी तरह की व्यवस्था पहली बार उत्तराखंड की सरकार ने लागू किया है. हालांकि इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल एक बार फिर से एकजुट होने लगे हैं.

दो महीने पहले केंद्र ने जारी किया था इस तरह का आदेश

कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार वैचारिक आधार पर सरकारी कार्यालयों और कर्मचारियों का राजनीतिकरण करने की कोशिश हो रही है. हालांकि बीजेपी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इसी साल नौ जुलाई को इस संबंध में आदेश जारी किया था. इसमें बताया था कि अब सरकारी अधिकारियों की आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी. जारी आदेश में कहा गया था कि इसके लिए साल 1966, 1970 और 1980 में कुछ निर्देश जारी किए गए थे. इन निर्देशों की समीक्षा के बाद नया फैसला लिया गया है. इसी के साथ विवादित आधिकारिक ज्ञापनों से भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शब्द को हटाने के आदेश दिए गए थे.

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