जब 5 नहीं 9 दिन तक खेला गया था टेस्ट मैच, समझिए क्रिकेट में ऐसा क्यों हुआ
क्या आपको पता है कि आमतौर पर 5 दिन तक खेला जाने वाला टेस्ट मैच एक बार कुल 9 दिनों तक खेला गया था. हैरानी की बात यह है कि 9 दिन तक खेले जाने के बावजूद इस मैच का कोई नतीजा नहीं निकला.

आमतौर पर टेस्ट मैच 5 दिनों का होता है. कई बार यह मैच 3 या 4 दिन में खत्म भी हो जाता है. कई बार बारिश की वजह से मैच आगे बढ़कर 6 दिन तक भी खेला जाता है. हालांकि, यह होता तभी है जब मैच के लिए एक्स्ट्रा डे रखा जाए. अगर हम आपको बताएं कि एक टेस्ट मैच ऐसा भी हुआ है जो 5 या 6 नहीं बल्कि 9 दिन तक खेला गया तो आप यकीन कर पाएंगे? जी हां, यह बात पूरी तरह से सच है कि एक बार एक टेस्ट मैच कुल 9 दिनों तक खेला गया था और मजेदार बात यह हुई कि 9 दिन मैच खेलने के बावजूद इसका नतीजा नहीं निकल पाया था.
आपको बताते चलें कि टेस्ट मैच 5 दिन के होते हैं और दो टीमें दो-दो पारियां खेलती हैं और ओवरों की संख्या सीमित नहीं होती है. यानी अगर कोई टीम आउट न हो और वह लगातार खेलना ही चाहे तो वह खुद ही पूरे 5 दिन खेलती रह सकती है. इस पर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती है. यही वजह है कि अक्सर टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाते हैं और कोई भी इसका विजेता नहीं होता है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ जब एक टेस्ट मैच 9 दिन तक खेला गया.
क्या है 9 दिन वाले मैच की कहानी?
यह मैच साल 1939 में डरबन में खेला गया था. यह मैच इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया. 9 दिन तक खेले जाने के कारण इस मैच को टाइमलेस टेस्ट कहा जाता है और इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. यह मैच 3 मार्च 1939 से शुरू हुआ था और 14 मार्च तक चला था. इसमें 5 मार्च और 12 मार्च को यानी दो बार आराम करने का दिन भी था. 11 मार्च को बारिश के चलते मैच नहीं खेला जा सका था.
एक रोचक बात यह है कि 9 दिन खेले जाने के बावजूद यह मैच 43 घंटे 16 मिनट ही खेला गया. इस मैच मेंकुल 5447 गेंदें यानी लगभग 907 ओवर फेंके गए. इसमें कुल 1981 रन बने. मैच में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया और कुल 530 रन बनाए थे.
जवाब में खेलने उतरी इंग्लैंड टीम सिर्फ 316 रनों पर ऑलआउट हो गई. 214 रनों की लीड लेकर उतरी साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी में 481 रन बनाए. यानी इंग्लैंड को यह मैच जीतने के लिए कुल 696 रन चाहिए थे. इसी लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने 6 दिन तक बैटिंग की. इसी बीच में बार-बार यह मैच रुकता रहा और 14 मार्च तक 5 विकेट प र 654 रन बन चुके थे. जीत के लिए सिर्फ 42 रन चाहिए थे और बारिश की वजह से मैच रुक गया और यहीं से मैच ड्रॉ हो गया.