'क्या होगा भाई': 2 बार डक पर आउट होने के बाद संजू सैमसन ने सुनाई कहानी
Sanju Samson: उनके इस संघर्ष और सफलता की कहानी न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर उनकी काबिलियत को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह एक खिलाड़ी खुद पर विश्वास रखकर बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकता है.

Sanju Samson: संजू सैमसन का क्रिकेट करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. जब भी सैमसन की बल्लेबाजी की बात आती है, उनके शॉट्स और काबिलियत को देखकर फैंस उनसे बड़ी उम्मीदें रखते हैं. लेकिन हर खिलाड़ी के जीवन में मुश्किल दौर आता है, और संजू इससे अछूते नहीं रहे. हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए तीसरे टी20 मैच में संजू ने शानदार शतक जड़ा, लेकिन इस शतक से पहले उनका सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. खासकर, श्रीलंका के खिलाफ सीरीज़ में दो बार लगातार डक पर आउट होने के बाद संजू खुद से ही सवाल कर रहे थे, "क्या होगा भाई?"
श्रीलंका के खिलाफ संघर्ष
संजू सैमसन को भारतीय टीम ने हमेशा बड़ा खिलाड़ी माना है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज़ में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. लगातार दो बार डक पर आउट होने के बाद संजू के करियर पर सवाल उठने लगे थे. टीम इंडिया ने वह सीरीज़ 3-0 से जीती, लेकिन संजू की फॉर्म चर्चा का विषय बन गई. इन असफलताओं के बाद, सैमसन के मन में यह सवाल उठने लगा था कि क्या उन्हें दोबारा टीम में खेलने का मौका मिलेगा या नहीं.
संजू ने खुद कहा, "श्रीलंका सीरीज़ के बाद जब मैं वापस केरल गया तो मेरे मन में सिर्फ एक सवाल था - क्या होगा भाई? लेकिन टीम ने मुझे इस सीरीज़ में बैक किया और मुझे मौका दिया, जिससे मैं अपने कप्तान और कोच के लिए कुछ कर सका."
बांग्लादेश के खिलाफ धमाकेदार वापसी
बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज़ में संजू को फिर से मौका मिला और इस बार उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए धमाकेदार शतक जड़ा. सैमसन ने सिर्फ 40 गेंदों में शतक पूरा किया, जो टी20 क्रिकेट में एक भारतीय बल्लेबाज द्वारा दूसरा सबसे तेज शतक है. इस पारी ने न केवल भारतीय टीम को 297 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचाया, बल्कि 133 रनों की बड़ी जीत में भी अहम भूमिका निभाई.
संजू की यह पारी उनके करियर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुई, जिसमें उन्होंने लगातार 5 छक्के लगाकर अपने पुराने फॉर्म को वापस पाने का दावा ठोंक दिया. इस मैच के बाद संजू ने कहा, "मैं पिछले एक साल से कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहा था, और आज जाकर यह पूरा हुआ."
टीम का समर्थन और आत्मविश्वास
संजू ने इस वापसी का श्रेय टीम के सपोर्ट सिस्टम को दिया, जिसने मुश्किल वक्त में भी उनका साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा, "मैं हमेशा अपने आप को याद दिलाता हूं कि मुझे सिर्फ प्रोसेस पर ध्यान देना है, अपनी ट्रेनिंग करते रहनी है, और एक दिन वो समय जरूर आएगा. भारतीय टीम के लिए खेलते वक्त दबाव होता है, और मैं उस दबाव को महसूस कर रहा था. लेकिन टीम ने मुझे पूरा सपोर्ट दिया."
सैमसन ने टीम के नेतृत्व और ड्रेसिंग रूम के माहौल की तारीफ की, जो उन्हें प्रेरित करते रहे. उन्होंने कहा, "ड्रेसिंग रूम में जो लीडरशिप ग्रुप है, उन्होंने मुझे बार-बार कहा, 'हम जानते हैं कि तुम्हारे पास कितनी प्रतिभा है और हम तुम्हारे साथ हैं, चाहे जो भी हो.' ये सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि उनके एक्शन में भी दिखता है."
भविष्य की उम्मीदें
संजू सैमसन के करियर का यह दौर उनके लिए बेहद खास रहा है. जहां एक ओर उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह साबित किया कि भारतीय टीम के लिए वह एक अहम खिलाड़ी हैं. सैमसन ने कहा, "मैंने सिर्फ एक गेंद पर ध्यान दिया, अपने शॉट्स खेले और बेसिक्स को फॉलो किया. यही मेरे लिए काम कर गया."