नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, डायमंड लीग खिताब से चूके लेकिन बनाए कई रिकॉर्ड, जानें कितने नंबर पर
नीरज चोपड़ा ने ज्यूरिख डायमंड लीग में आखिरी थ्रो पर 85.01 मीटर फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया और लगातार टॉप-2 फिनिश का रिकॉर्ड 1483 दिनों तक बनाए रखा. जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.51 मीटर के साथ जीत दर्ज की. नीरज ने सर्जी माकारोव को पीछे छोड़ा और जान ज़ेलेज़नी से पीछे रह गए. वह 21वीं सदी में लगातार 26 टॉप-2 फिनिश करने वाले पहले पुरुष जावलीन थ्रो एथलीट बने.
 
  भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भले ही ज्यूरिख डायमंड लीग का खिताब अपने नाम न किया हो, लेकिन उन्होंने एक बार फिर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा दिया. स्विट्ज़रलैंड के स्टेडियन लेट्ज़िग्रुंड में खेले गए मुकाबले में नीरज ने आखिरी थ्रो पर दूसरा स्थान हासिल किया और अपने लगातार टॉप-2 फिनिश के रिकॉर्ड को बरकरार रखा.
27 वर्षीय ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज ने जर्मनी के जूलियन वेबर के शानदार प्रदर्शन के बावजूद खुद को शीर्ष पर बनाए रखा. वेबर ने पहले ही दो थ्रो में 90 मीटर का आंकड़ा पार किया और 91.37 मीटर व 91.51 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ दूरी हासिल की.
नीरज का संघर्ष और आखिरी थ्रो की कमाल
नीरज ने अपनी शुरुआत 84.35 मीटर के थ्रो से की, इसके बाद उनका दूसरा थ्रो 82 मीटर रहा. तीसरे, चौथे और पांचवें प्रयास में वह फाउल कर बैठे. छठे और आखिरी थ्रो से पहले वह तीसरे स्थान पर थे, लेकिन 85.01 मीटर का थ्रो करते ही उन्होंने त्रिनिदाद के केशॉर्न वालकॉट (84.95 मीटर) को पीछे छोड़कर उपविजेता स्थान सुरक्षित कर लिया.
1483 दिन से जारी टॉप-2 फिनिश का सिलसिला
नीरज चोपड़ा ने इस प्रदर्शन के साथ अपना एक और रिकॉर्ड कायम किया. वह पिछले 1483 दिनों से हर प्रतियोगिता में लगातार टॉप-2 फिनिश कर रहे हैं. यह सिलसिला 2021 टोक्यो ओलंपिक में उनके गोल्ड मेडल से शुरू हुआ था. अब नीरज ने रूस के सर्जी माकारोव को पीछे छोड़ दिया है और वह केवल दिग्गज जान ज़ेलेज़नी से पीछे हैं. वह 21वीं सदी के पहले पुरुष एथलीट बन गए हैं जिन्होंने लगातार 26 बार टॉप-2 में जगह बनाई है.
दिलचस्प बात यह है कि जान ज़ेलेज़नी, जिनका रिकॉर्ड नीरज के सामने है, वही अब उनके निजी कोच भी हैं. वहीं, इस साल भारत की ओर से नियुक्त किए गए सर्जी माकारोव नीरज के राष्ट्रीय कोच हैं. नीरज चोपड़ा ने पिछली बार 2021 के कुओर्टाने गेम्स में टॉप-2 से बाहर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वहीं, टॉप-3 से बाहर वह आखिरी बार 2018 के IAAF कॉन्टिनेंटल कप में रहे थे.







