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Vishwakarma Puja 2024 : विश्वकर्मा पूजा के दिन जान लें क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

Vishwakarma Puja 2024 Do's and Dont's : विश्वकर्मा पूजा हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है.इस साल यह पर्व 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें सृष्टि के निर्माणकर्ता और पहले इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है, की विशेष पूजा की जाती है.

Vishwakarma Puja 2024 : विश्वकर्मा पूजा के दिन जान लें क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
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Vishwakarma Puja 2024 Do's and Dont's -Photo Credit-Freepik
संस्कृति जयपुरिया
by: संस्कृति जयपुरिया

Published on: 16 Sept 2024 10:52 AM

Vishwakarma Puja 2024 Do's and Dont's: विश्वकर्मा पूजा हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है.इस साल यह पर्व 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें सृष्टि के निर्माणकर्ता और पहले इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है, की विशेष पूजा की जाती है.इसके साथ ही मशीनों, औजारों और फैक्ट्रियों में विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जिससे व्यापार और उद्योग में प्रगति की प्राप्ति होती है.

शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ विशेष नियम और उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए.

विश्वकर्मा पूजा: क्या करें (Dos)

भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें : इस दिन भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. उनकी आराधना से जीवन में समृद्धि और उद्योग में प्रगति होती है.

दान करें : इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान दें, विशेष रूप से ब्राह्मणों को. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है.

मशीनों की पूजा करें : फैक्ट्री और दुकान में रखे सभी मशीनों और औजारों की विधिपूर्वक पूजा करें. इन्हें साफ-सुथरा रखें और भगवान से उनकी सुरक्षा और सही उपयोग के लिए आशीर्वाद मांगें.

भगवान विष्णु की पूजा करें : इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि विश्वकर्मा को विष्णु के विभिन्न अवतारों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है.

औजारों की साफ-सफाई : अपने कार्यस्थल के औजारों और मशीनों को अच्छे से साफ करें, ताकि वे आने वाले समय में सही कार्य कर सकें.

विश्वकर्मा पूजा: क्या ना करें (Don'ts)

औजारों का इस्तेमाल ना करें : इस दिन औजारों का प्रयोग न करें. इस दिन उन्हें आराम देने का महत्व है ताकि वे आगे बेहतर काम कर सकें.

औजारों को इधर-उधर न फेंके : पूजा के बाद औजारों को उचित स्थान पर रखें. इन्हें इधर-उधर फेंकना अशुभ माना जाता है.

मांस और मदिरा का सेवन न करें : विश्वकर्मा पूजा के दिन मांस, मदिरा या किसी भी तामसिक भोजन का सेवन न करें. यह दिन सात्विक और शुद्ध आचरण के लिए है.

नए यंत्रों का निर्माण ना करें : इस दिन शिल्पकारों को नए यंत्रों का निर्माण नहीं करना चाहिए. यह दिन पुराने यंत्रों और औजारों की पूजा और सम्मान के लिए समर्पित है.

विश्वकर्मा पूजा का महत्व:

हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का अत्यधिक महत्व है. भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के निर्माता और सबसे पहले इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने ही भगवान विष्णु के सभी अवतारों के भवन, अस्त्र-शस्त्र और दिव्य वस्तुओं का निर्माण किया था. इस दिन कारखानों, उद्योगों और व्यापारिक संस्थानों में विधिपूर्वक पूजा करने से न केवल समृद्धि मिलती है, बल्कि कार्यक्षमता और उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

विश्वकर्मा पूजा का दिन उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो निर्माण, शिल्प और उद्योग के कार्यों से जुड़े होते हैं. इस दिन की पूजा से उनके कार्यों में निखार आता है और उन्हें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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