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Ganesh Chaturthi 2024: जानिए भगवान गणेश के वाहन मूषक बनने की पौराणिक कथा

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. आज वह खास दिन आ ही गया है.तो इस अवसर पर आइए जानते हैं की कैसे भगवान गणेश का वाहन बना मूषक.

Ganesh Chaturthi 2024: जानिए भगवान गणेश के वाहन मूषक बनने की पौराणिक कथा
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संस्कृति जयपुरिया
by: संस्कृति जयपुरिया

Updated on: 7 Sept 2024 10:22 AM IST

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. दस दिनों तक भगवान गणेश की आराधना मंदिरों और घरों में श्रद्धापूर्वक की जाती है. तरह-तरह के व्यंजनों का भोग लगाकर भगवान को प्रसन्न किया जाता है. गणपति बप्पा के कई नाम प्रसिद्ध हैं, जिनमें एक है ‘मूषक सवार’. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भगवान गणेश का वाहन मूषक ही क्यों है? आइए, जानते हैं इस पौराणिक कथा के माध्यम से.

कैसे बना मूषक भगवान गणेश का वाहन?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार इंद्रदेव अपनी सभा में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर रहे थे. उनकी सभा में कई देवता और ऋषि-मुनि भी उपस्थित थे. उन्हीं में से एक गंधर्व था, जिसका नाम क्रोंच था. सभा के बीच क्रोंच गलती से मुनि वामदेव के पैर से टकरा गया, जिससे मुनि अत्यंत क्रोधित हो गए. मुनि वामदेव ने क्रोंच को श्राप दिया कि वह मूषक यानी चूहा बन जाएगा. उस समय के ऋषि-मुनियों के श्राप अमिट होते थे, और इस कारण क्रोंच तुरंत एक विशाल मूषक में परिवर्तित हो गया.

आश्रम में मचाया मूषक ने हाहाकार

श्राप के प्रभाव से विशाल मूषक बनते ही वह इंद्रदेव की सभा छोड़कर ऋषि पराशर के आश्रम में आ धमका. वहां पहुंचते ही उसने भारी तबाही मचाई. वह पेड़ों, पौधों और यहां तक कि आश्रम में रखे ग्रंथों को भी कुतरने लगा. आश्रम में मौजूद समस्त अन्न को भी उसने नष्ट कर दिया.

गणेशजी ने किया मूषक का पराभव

जब आश्रम में मूषक यह उत्पात मचा रहा था, उस समय भगवान गणेश वहां उपस्थित थे. उन्होंने मूषक के आतंक को समाप्त करने के लिए उस पर अपना दिव्य पाश फेंका. पाश की शक्ति से मूषक तुरंत अचेत हो गया. होश में आने के बाद, मूषक ने भगवान गणेश से अपने प्राणों की भीख मांगी.

मूषक ने मांगा गणपति बप्पा का साथ

भगवान गणेश ने मूषक से कहा, "तुम मुझसे कुछ भी मांग सकते हो." इस पर मूषक ने भगवान गणेश से अनुरोध किया कि वह उन्हें अपना वाहन बना लें. भगवान गणेश ने उसकी विनती स्वीकार कर ली और तभी से मूषक भगवान गणेश का वाहन बन गया.

डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. कृपया किसी और की सलाह अवश्य लें.

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