10 साल से साबुन से दूर हैं चक 'चक दे' गर्ल विद्या मलवदे, नहाने के लिए करती हैं इस मंत्र का उपाय
कई लोगों की स्किंग बहुत सेंसटिव होती है या उन्हें एक्ज़िमा जैसी समस्या रहती है. ऐसे लोगों के लिए कठोर साबुन या क्लींजर हानिकारक हो सकते हैं. डॉ. श्रीधर बताती हैं,कम सर्फेक्टेंट यानी कम झाग बनाने वाले तत्व वाले प्रोडक्ट त्वचा को कम नुकसान पहुंचाते हैं.
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या मलवदे, जिन्हें फ़िल्म 'चक दे! इंडिया' में उनकी शानदार एक्टिंग के लिए याद किया जाता है, ने हाल ही में एक ऐसा खुलासा किया जिसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने बताया कि पिछले दस सालों से उन्होंने साबुन को हाथ तक नहीं लगाया. लेकिन बात सिर्फ़ यहीं तक नहीं है. विद्या बताती हैं कि नहाने के बाद वह एक अनोखी रस्म निभाती हैं. वह करीब 30 सेकंड तक पानी से बाहर रहती हैं, एक मंत्र दोहराती हैं ताकि निगेटिव एनर्जी उनसे दूर हो जाए, और इसके बाद अक्सर सिर्फ़ सादे पानी, गुलाब जल या पारंपरिक बेसन के उबटन से ही स्नान करती हैं. उनके लिए यह केवल सफाई का तरीका नहीं, बल्कि एक ध्यान और माइंडफुल स्किन केयर का मिश्रण है.
द इंडियन एक्सप्रेस के मुतबिक, इस पर हमने बेंगलुरु के लेडी कर्जन एंड बॉरिंग हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता श्रीधर से बात की. डॉ. श्रीधर के अनुसार, हर किसी को रोज़ साबुन से नहाने की ज़रूरत नहीं होती. वह बताती हैं, '2024 में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग केवल पानी से नहाते हैं और जो क्लींजर या साबुन का इस्तेमाल करते हैं. दोनों समूहों में स्किन इन्फेक्शन की दर लगभग समान थी.' यानि कि अगर आपकी दिनचर्या बहुत भारी नहीं है, ज़्यादा धूल या पसीना नहीं होता, तो सिर्फ़ पानी से नहाना भी स्वच्छता बनाए रखने के लिए काफी हो सकता है. लेकिन डॉ. श्रीधर यह भी कहती हैं कि इसका मतलब यह नहीं कि साबुन बेकार है. अगर आप दिनभर बाहर काम करते हैं, बहुत पसीना आता है या प्रदूषित माहौल में रहते हैं, तो सिर्फ़ पानी से नहाना काफी नहीं होता. ऐसे में बगलों, कमर, सिर और पैरों को साबुन या क्लींजर से साफ़ करना ज़रूरी है, ताकि दुर्गंध, पिम्पल्स और संक्रमण से बचा जा सके.'
साबुन न इस्तेमाल करने का फायदा क्या है?
कई लोगों की स्किंग बहुत सेंसटिव होती है या उन्हें एक्ज़िमा जैसी समस्या रहती है. ऐसे लोगों के लिए कठोर साबुन या क्लींजर हानिकारक हो सकते हैं. डॉ. श्रीधर बताती हैं,कम सर्फेक्टेंट यानी कम झाग बनाने वाले तत्व वाले प्रोडक्ट त्वचा को कम नुकसान पहुंचाते हैं. जो लोग रोज़ाना साबुन से नहाते हैं, उनकी स्किन अक्सर सूखी, कसी हुई और खुजलीदार महसूस होती है, क्योंकि साबुन स्किन के नेचुरल आयल और लिपिड को हटा देता है.' दरअसल, हमारी स्किंग में मौजूद ये प्राकृतिक तेल उसे सॉफ्ट, हाइड्रेटेड और फ्लेक्सि बलबनाए रखते हैं. जब इन्हें बार-बार हटाया जाता है, तो स्किंग का बैलेंस्ड बिगड़ जाता है.
स्किंग का 'माइक्रोबायोम' क्या होता है?
डॉ. श्रीधर आगे बताती हैं कि हमारी स्किन पर लाखों बैक्टीरिया और फफूंद रहते हैं जिन्हें मिलाकर स्किन माइक्रोबायोम कहा जाता है. ये हानिकारक नहीं होते, बल्कि ये हमारे शरीर की डिफेंस सिस्टम का हिस्सा हैं. अगर आप ज़्यादा साबुन या एंटीबैक्टीरियल क्लींजर का इस्तेमाल करते हैं, तो ये अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं, जिससे त्वचा का पीएच बिगड़ जाता है, सूजन बढ़ती है और जर्म्स से सुरक्षा घट जाती है.' जब माइक्रोबायोम बैलेंस्ड रहता है, तो स्किन हेल्दी, चमकदार और कम रिएक्टिव महसूस होती है. इसलिए बहुत से लोग कहते हैं कि साबुन छोड़ने के बाद उनकी स्किंग ज़्यादा मुलायम और शांत लगने लगी.
साबुन निकाले डेड सेल्स
विद्या मलवदे की तरह बहुत से लोग अब नेचुरल या घरेलू नुस्खों की तरफ लौट रहे हैं. डॉ. श्रीधर बताती हैं, 'पिसी दाल, आटा और हल्दी से बना उबटन एक बेहतरीन नेचुरल स्क्रब है. यह स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए गंदगी और डेड सेल्स हटाता है. गुलाब जल भी त्वचा को ठंडक और ताजगी देता है, हालांकि यह मुख्य रूप से सुगंध और आराम के लिए अच्छा है, न कि गहरी सफाई के लिए.' जो लोग साबुन को पूरी तरह छोड़ना नहीं चाहते, उनके लिए वे सुझाव देती हैं कि ऑर्गेनिक साबुन या पीएच-बैलेंस्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें ये सामान्य साबुन की तुलना में स्किन के लिए अधिक सेफ होते हैं.
अगर आप इसे अपनाना चाहते हैं तो कैसे शुरू करें?
अगर आप भी विद्या मलवदे की तरह साबुन से न नहाने की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो इसे धीरे-धीरे अपनाना बेहतर रहेगा. डॉ. श्रीधर कहती हैं, 'एकदम से बदलाव करना सही नहीं है. जब तक आपकी स्किन का माइक्रोबायोम दोबारा बैलेंस्ड नहीं होता, तब तक स्किन ज़्यादा चिपचिपी या बदबूदार लग सकती है. इसलिए धीरे-धीरे कदम बढ़ाएं.
यह करें:
शुरुआत में साबुन का इस्तेमाल सिर्फ़ उन हिस्सों पर करें जहां पसीना ज़्यादा आता है जैसे अंडरआर्म्स, कमर, पैर और हाथ. शरीर के बाकी हिस्सों को सिर्फ़ पानी या हल्के उबटन से धोएं. नहाने के बाद मॉइस्चराइज़र या नारियल तेल से नमी बनाए रखें. अपनी स्किन की प्रतिक्रिया देखें- अगर खुजली, सूखापन या गंध महसूस हो, तो बैलेंस्ड फिर से साधें.





