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कौन हैं डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी? छात्रों से साफ़ करवाया शौचालय, अब सफाई देकर फंसी IAS अधिकारी

तेलंगाना में IAS डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी ने गुरुकुल स्कूलों में दलित छात्रों को शौचालय और कमरे साफ करने का आदेश दिया. वायरल ऑडियो पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार से 15 दिन में जवाब मांगा है. विपक्षी दलों ने इसे मनुवादी सोच और दलित विरोधी रवैया बताते हुए अधिकारी की बर्खास्तगी की मांग की है.

कौन हैं डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी? छात्रों से साफ़ करवाया शौचालय, अब सफाई देकर फंसी IAS अधिकारी
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 3 Jun 2025 10:04 AM

कौन हैं डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी? छात्रों से साफ़ करवाया शौचालय, अब सफाई देकर फंसी IAS अधिकारीतेलंगाना की एक सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी पर अनुसूचित जाति के छात्रों से शौचालय और कमरे साफ करवाने को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं. वायरल ऑडियो क्लिप में वह गुरुकुल स्कूल के बच्चों को साफ-सफाई की जिम्मेदारियों का हिस्सा बनाने की बात कहती हैं. इस पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने तेलंगाना सरकार से जवाब तलब किया है.

बीआरएस नेता डॉ. आर.एस. प्रवीण कुमार और एमएलसी कविता ने इस घटना को दलितों के खिलाफ मानसिकता का प्रतीक बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ‘मनुवादी सोच’ को बढ़ावा दे रही हैं. कविता ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियों ने समाज कल्याण गुरुकुलों को कमजोर कर दिया है, जिससे छात्रों पर ज़िम्मेदारियां लादी जा रही हैं जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है.

सफाई बजट बंद, छात्रों पर पड़ा बोझ

बीआरएस का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने समाज कल्याण स्कूलों के लिए स्वीकृत सफाई बजट को मई 2025 से बंद कर दिया, जिससे छात्रों को वॉर्डन और रसोई की जिम्मेदारी उठानी पड़ी. पहले हर स्कूल को 40,000 रुपये मासिक बजट दिया जाता था, लेकिन अब उसकी जगह छात्रों से जबरन काम करवाया जा रहा है.

बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना ज़रूरी: अधिकारी

डॉ. वर्षिनी का कहना है कि बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वच्छता कार्य आवश्यक है. उन्होंने कहा कि "अगर छात्र विदेश जाते हैं तो उन्हें खुद ही अपना काम करना होगा. यह विकास का हिस्सा है. विलासिता देना बच्चों को कमजोर बनाता है." उन्होंने यह भी अपील की कि उनके बयान का राजनीतिकरण न किया जाए.

ऑडियो से बढ़ा विवाद

वायरल ऑडियो में अधिकारी कहती हैं कि “बच्चों को रोटी बनाना और बाथरूम साफ करना आना चाहिए.” यह बयान वायरल होते ही भारी विरोध का कारण बना. दलित समुदाय के संगठनों का कहना है कि आत्मनिर्भरता की आड़ में जातीय भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है और कमजोर वर्ग के छात्रों को लक्षित किया जा रहा है.

कौन हैं डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी?

डॉ. वी.एस. अलगु वर्षिनी एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी (TGSWREIS) की सचिव के रूप में कार्यरत हैं. जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति और वंचित समुदायों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा देना है. हालांकि उनकी शैक्षणिक योग्यता और प्रशासनिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक रूप से सीमित है. फिर भी संस्थान में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने छात्रों के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी है. हाल ही में एक कार्यक्रम में उन्होंने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने और जीवन की चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करने के लिए प्रेरित किया.

आयोग ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है और 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी. मामला अब केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर गंभीरता से देखा जा रहा है.

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