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कौन हैं वी नारायणन, जो होंगे ISRO के नए चीफ? 14 जनवरी को लेंगे सोमनाथ की जगह

वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अगला अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है. वह 14 जनवरी को इसरो के मौजूदा प्रमुख एस. सोमनाथ की जगह लेंगे. आइए इस खबर में वी नारायणन के बारे में विस्तार से जानते हैं.

कौन हैं वी नारायणन, जो होंगे ISRO के नए चीफ? 14 जनवरी को लेंगे सोमनाथ की जगह
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 8 Jan 2025 9:55 AM IST

चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के साथ भारत को गौरवान्वित करने वाले इसरो (ISRO) चीफ एस. सोमनाथ का कार्यकाल 14 जनवरी को समाप्त हो रहा है. मंगलवार को सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नए प्रमुख के रूप में डॉक्टर वी. नारायण के नाम की घोषणा की. डॉ. वी. नारायण, जो इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं, अपने लंबे और विशिष्ट करियर के लिए जाने जाते हैं. इसी के साथ आइए इस खबर में डॉक्टर वी नारायण के बारे में सब कुछ जानते हैं.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. वी. नारायण को ISRO का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है. वर्तमान में, वे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं. चार दशकों के अपने प्रभावशाली करियर में, उन्होंने ISRO के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

वी. नारायणन के बारे में

डॉ. नारायण रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में विशेषज्ञ माने जाते हैं. उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान GSLV Mk III यान के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक के रूप में रहा. उनके नेतृत्व में- C25 क्रायोजेनिक स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया गया, जो GSLV Mk III का महत्वपूर्ण हिस्सा है.उन्होंने PSLV (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण की निगरानी की. PSLV C57 मिशन के लिए नियंत्रण पावर प्लांट तैयार किया.

वी नारायणन रॉकेट और स्पेस क्राफ्ट प्रोपल्शन एक्सपर्ट हैं और 1984 में इसरों में शामिल हुए और LPSC के डायरेक्टर बनने से पहले अलग- अलद पदों पर काम किया. लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, जिसके चीफ नारायणन हैं. लॉन्च वाहनों के लिए लिक्विड, सेमी-क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक प्रोपल्शन चरणों, उपग्रहों के लिए रासायनिक और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम, लॉन्च वाहनों के लिए नियंत्रण प्रणाली और अंतरिक्ष प्रणालियों की स्वास्थ्य निगरानी के लिए ट्रांसड्यूसर विकास के विकास में लगा हुआ है.

वह प्रोजेक्ट मैनेजमेंट काउंसिल-स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (पीएमसी-एसटीएस) के अध्यक्ष भी हैं, जो सभी लॉन्च वाहन परियोजनाओं और कार्यक्रमों में फैसले लेने वाली संस्था है और भारत के नियोजित मानव अंतरिक्ष यान मिशन गगनयान के लिए राष्ट्रीय स्तर के मानव रेटेड प्रमाणन बोर्ड (एचआरसीबी) के अध्यक्ष हैं. प्रारंभिक चरण के दौरान उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया.

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