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क्या है फॉर्म 17सी, जिसे लेकर SC में याचिका दाखिल? वोटिंग के बाद EC की वेबसाइट पर डालने की मांग

वोटिंग के बाद फॉर्म 17सी को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि पारदर्शिता बनाए रखने और चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र के फॉर्म 17C को चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाए.

क्या है फॉर्म 17सी, जिसे लेकर SC में याचिका दाखिल? वोटिंग के बाद EC की वेबसाइट पर डालने की मांग
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Feb 2025 10:19 AM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग पूरी हो चुकी है और 8 फरवरी को रिजल्ट का इंतजार है. वोटिंग के बाद फॉर्म 17सी को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि पारदर्शिता बनाए रखने और चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र के फॉर्म 17C को चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाए. अब आइए इस खबर में जानते हैं फॉर्म 17 सी क्या है?

क्या है फॉर्म 17 C?

फॉर्म 17C भारतीय चुनाव प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसका उपयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान किया जाता है. यह मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है, जिसे पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) द्वारा तैयार किया जाता है.

फॉर्म 17C में क्या जानकारी होती है?

मतदान केंद्र का विवरण – बूथ संख्या और स्थान.

मतदान शुरू होने और समाप्त होने का समय.

कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या.

डाले गए कुल वोटों की संख्या.

ईवीएम और वीवीपैट से संबंधित जानकारी.

फॉर्म 17C क्यों जरूरी है?

फॉर्म 17C भारतीय चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह मतदान के दिन मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है. फॉर्म 17C में मतदान केंद्र पर कुल डाले गए वोटों की संख्या दर्ज होती है. अगर यह डेटा सार्वजनिक किया जाता है, तो चुनाव प्रक्रिया में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहती है.

अगर ईवीएम (EVM) या वीवीपैट (VVPAT) में किसी भी तरह की गड़बड़ी या हेरफेर का आरोप लगता है, तो फॉर्म 17C एक मजबूत सबूत के रूप में काम करता है. अगर किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को चुनाव में धांधली का संदेह होता है, तो वे चुनाव आयोग या अदालत में अपील कर सकते हैं. ऐसे मामलों में फॉर्म 17C एक आधिकारिक प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाता है.

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