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तिरुपति लड्डू मामले में हुई राजनीतिक दलों की एंट्री, 10 प्वाइंट में जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
तिरूपति लड्डू विवाद में कई घटनाक्रम हुए. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से लेकर केन्द्र सरकार ने इस मामले में क्या निर्देश दिए हैं. कौन से बड़े नेता ने क्या कहा. आइए जानते हैं टॉप 10 के माध्यम से क्या-क्या हुआ?

Tirupati Row Pic Credit- Social Media
तिरुपति लड्डू विवाद ने हाल के दिनों में पूरे देश में तेज बहस छेड़ दी है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा परोसे जाने वाले लड्डू, में पशु चर्बी और मछली के तेल के इस्तेमाल के आरोप लगाए गए हैं. इस खबर ने न केवल धार्मिक आस्थाओं को प्रभावित किया, बल्कि पक्ष और विपक्ष के बीच एक नया विवाद का मुद्दा खड़ा कर दिया है. जानते हैं टॉप 10 के माध्यम से क्या-क्या हुआ-
- इस विवाद की जड़ में एक रिपोर्ट है, जिसे गुजरात के आनंद स्थित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की बहु-विषयक प्रयोगशाला, पशुधन एवं खाद्य विश्लेषण एवं अध्ययन केंद्र (CALF) ने जारी किया. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि तिरुपति लड्डू के नमूनों में लार्ड (सूअर की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी पाई गई है. यह रिपोर्ट 16 जुलाई, 2024 को जारी की गई थी, जिसमें बताया गया कि 9 जुलाई को प्राप्त किए गए लड्डू नमूनों में मौजूद थे.
- आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया कि तिरुपति लड्डू में गोमांस की चर्बी, मछली का तेल और लार्ड का इस्तेमाल किया गया था. इस विवाद के बाद आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी इस मामले पर टिप्पणी करते हुए 'सनातन बोर्ड' के गठन का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी इस विवाद को गंभीरता से लिया और केंद्र ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूरी रिपोर्ट तलब की है.
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो यहां तक मांग की कि तिरुपति लड्डू में मिलावट करने वाले दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए. सिंह ने इस विवाद की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की भी मांग की.
- अमूल ने भी एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी तिरुपति मंदिर को लड्डू बनाने के लिए घी की आपूर्ति नहीं की. अमूल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए खुद को इस विवाद से अलग करने की कोशिश की.
- तिरुपति लड्डू विवाद के बीच अयोध्या मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में अयोध्या के राम मंदिर में तिरुपति मंदिर से 300 किलोग्राम लड्डू प्रसाद बांटा गया था. इससे यह विवाद और गहरा गया.
- आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि तिरुपति लड्डू बनाने की प्रक्रिया में कोई मिलावट नहीं हुई थी और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से राजनीतिक हैं.
- वाईएसआर ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलुगु देशम पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक न्यायिक समिति गठित करने की मांग की.
- तिरुपति मंदिर बोर्ड की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने लड्डू प्रसाद में मिलावट करने वाली एआर डेयरी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
- कर्नाटक सरकार ने भी राज्य के प्रमुख मंदिरों में दिए जाने वाले सभी प्रसाद की जांच करने का निर्णय लिया है ताकि इस तरह की किसी भी घटना का दोहराव न हो.