'किसानों के हित पर कोई समझौता नहीं, चाहे कीमत चुकानी पड़े' : PM मोदी का अमेरिका को दो-टूक जवाब
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से पीछे नहीं हटेगा, चाहे कीमत जो भी हो. सरकार ने अमेरिका के रूस से तेल खरीद पर आपत्ति को पक्षपाती बताया और कहा कि भारत राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ (शुल्क) बढ़ा दिए, तो अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ कह दिया कि भारत अपने किसानों, मवेशी पालकों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. मोदी ने कहा, “मुझे पता है इसकी मुझे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूँ.” उनका ये बयान सीधा वॉशिंगटन को जवाब माना जा रहा है.
मोदी का कहना था कि चाहे जो भी अंतरराष्ट्रीय दबाव हो, भारत अपने ग्रामीण समुदायों के साथ खड़ा रहेगा. उन्होंने साफ़ कहा कि सरकार का फोकस साफ़ है – किसानों और गांव वालों की भलाई. “मैं अपने किसान भाइयों-बहनों के लिए जो भी करना पड़े, वो करने को तैयार हूँ,” उन्होंने जोर देकर कहा. ये बयान ऐसे वक्त आया है जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को लेकर टेंशन बढ़ती जा रही है.
अमेरिका का कदम बताया 'अनुचित और पक्षपाती'
भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना की है. विदेश मंत्रालय ने साफ़ कहा कि अमेरिकी सरकार ने भारत के रूस से तेल आयात को निशाना बनाया है, जो सरासर गलत है. MEA का कहना है कि भारत अपने नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा के लिए जो करना ज़रूरी है, वही करेगा – और ये पूरी तरह मार्केट की ज़रूरतों पर आधारित है.
भारत अकेला नहीं, कई देश ले रहे हैं रूसी तेल
सरकार ने अमेरिका को याद दिलाया कि सिर्फ भारत ही नहीं, कई दूसरे देश भी रूस से तेल खरीद रहे हैं. फिर भारत को ही टारगेट करना क्यों? MEA ने इस कदम को ‘दुखद और भेदभावपूर्ण’ बताया और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जो ज़रूरी होगा, वो करेगा. साफ़ शब्दों में – अमेरिका का ये तरीका भारत को मंज़ूर नहीं.
खेती-किसानी पहले भी रही है झगड़े की वजह
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील्स में खेती हमेशा से एक विवादित मुद्दा रहा है. अमेरिका चाहता है कि उसके एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स को भारत में ज़्यादा जगह मिले, लेकिन भारत अपने किसानों की सुरक्षा के लिए MSP जैसी नीतियों को छोड़ने के मूड में नहीं है. भारत का साफ़ कहना है – हमारे किसान पहले.
दबाव में नहीं झुकेगा भारत
सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने साफ़ कहा है कि किसानों के हित सबसे ऊपर हैं, और भारत किसी भी दबाव में नहीं आने वाला. उन्होंने कहा, “सरकार पूरी तरह स्पष्ट है – चाहे अमेरिका हो या कोई और, भारत अपने गांव-देहात और मेहनतकश लोगों की कीमत पर कोई समझौता नहीं करेगा.” तो बात इतनी सी है – ग्लोबल गेम चलता रहेगा, लेकिन भारत की नींव उसके किसान ही रहेंगे.