तमिलनाडु में साइबर धोखाधड़ी: 2024 में 1,116 करोड़ का नुकसान, साइबर पुलिस ने कई प्रयासों से किए करोड़ों रुपये फ्रीज
आज-कल देश भर में तरह-तरह के फ्रॉड चल रहे हैं. हाल ही में तमिलनाडु साइबर अपराध पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है कि साइबर फाइनेंशियल धोखाधड़ी की वजह से जनवरी से सितंबर 2024 तक,1,116 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. डिजिटल अरेस्ट लोगों को ठगने का एक नया तरीका है. इसमें बहुत से लोग आसानी से जालसाजों की बातों में आ जाते हैं.

तमिलनाडु से एक खबर आ रही है जहां राज्य की साइबर अपराध पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है कि साइबर फाइनेंशियल धोखाधड़ी की वजह से जनवरी से सितंबर 2024 तक,1,116 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. यह आकड़ा साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को दिखाता है. साइबर पुलिस का कहना है कि इस मामले के बारे में जागरूकता फैलाने की और तुरंत रिपोर्ट करने की जरूरत है. साइबर क्राइम की ब्रांच ने इस तरह के नुकसान को कम करने के लिए कई प्रयास किए हैं.
साइबर पुलिस ने फ्रीज किए करोड़ो रुपये
साइबर पुलिस ने ऑटोमेटिक और मैन्युअल उपायों की मदद से 526 करोड़ रुपये फ्रीज किए है. साथ ही अधिकारियों ने 48 करोड़ रुपए फिर से प्राप्त किए हैं, जिसे उन लोगों को वापस किया जिनके साथ धोखाधड़ी हुई है. इस दौरान अब तक कुल 91,161 शिकायतें दर्ज की गई हैं.
साइबर क्राइम ब्रांच ने बहुत से तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड की पहचान की है जैसे- फिशिंग, केवाईसी (KYC-know your customer) धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी. पुलिस ने इस तरह की घटनाओं पर जोर दिया और कहा अगर तुरंत रिपोर्ट लिखवाते हैं तो कार्यवाई से खोए हुए पैसे जल्दी मिलने की संभावना होती है.
तमिलनाडु साइबर क्राइम ब्रांच के एक प्रतिनिधि ने चेतावनी दी और कहा-'जब शिकायत बहुत पुरानी हो जाती है तो कोई नतीजा नहीं निकल सकता है.' उन्होंने पीड़ितों से घटना घटते ही इसकी रिपोर्ट करने का आग्रह किया.
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
रिपोर्ट कराने के लिए पुलिस नागरिकों को आधिकारिक साइबर अपराध सरकारी पोर्टल [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) के माध्यम से या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करवा सकते है.
जानें डिजिटल अरेस्ट के बारे में?
डिजिटल अरेस्ट लोगों को ठगने का एक नया तरीका है. इसमें जालसाज ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं. खुद को पुलिस,सीबीआई,ईडी या अन्य अधिकारी बताते हैं. उन्हें केस से रिहा दिलवाने के नाम पर वसूली करते हैं. अभी हाल ही के मामले में एक ठग ने 1 सितंबर को आरआरसीएटी में वैज्ञानिक को फोन किया और ट्राई का अधिकारी बनकर लाखों का चूना लगा दिया. ये घटना तमिलनाडु से बाहर की है.