हल्दी पर टेंशन! नकली और असली पर आई बात, नेपाल-पाकिस्तान समेत भारत में बढ़ी परेशानी
भारत समेत कई देशों में हल्दी को लेकर टेंशन का माहौल है. ऐसा इसलिए क्योंकी इसमें लीड (सीसा) के सैंपल्स पाए गए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर अधिक पड़ सकता है. लीड का अधिक सेवन किडनी फेलियर, स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाती है.

हल्दी जिसे खाने में स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं अब इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान समेत नेपाल और भारत में बेची जा रही हल्दी में लेड (सीसा) की भारी मात्रा पाई गई है. इसके कुछ सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है. यह स्तर नियमित सीमा के स्तर से अधिक था.
FSSAI द्वारा हल्दी में अधिकतम स्वीकार्य सीसा सामग्री 10 µg/g निर्धारित की गई है. लेकिन इसकी सीमा 1,000 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम (µg/g) प्रत्येक डोज से भी अधिक है. जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही चिंताजनक है.
23 शहरों में की गई जांच
साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल के 23 शहरों से हल्दी के सैंपल्स लिए गए. इससे जानकारी सामने आई कि लगभग 14 प्रतिशत सैंपल्स में सीसा की मात्रा 2 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक पाई गई थी. वहीं इस रिसर्च को प्योर अर्थ और भारत की स्वतंत्रता रोजगार अकादमी के साथ किया गया था.
क्या है लेड?
लेड (सीसा) एक भारी धातु है, जो हमारे शरीर में कैल्शियम की तरह ही काम करती है. साथ ही हड्डियों में भी जमा हो सकती है. वहीं इसे खतरनाक इसलिए बताया जा रहा है क्योंकी अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन कर लिया जाए तो इसका सीधा असर दिमाग, दिल और किडनी पर पड़ता है. वैसे तो गंभीर बीमारी को दूर करने में भी हल्दी मदद करती है. लेकिन लीड का अधिक सेवन किडनी फेलियर, स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाती है. यह थकान, हाई ब्लड प्रेशर और पाचन समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.
कैसे होगी असली नकली की पहचान
अब लेड की अधिक मात्रा मिलने के बाद एक सवाल कि यह सामने आता है कि आखिर असली और नकली की पहचान कैसे की जाए? तो इसपर विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बिना पैकिंग वाली हल्दी में लेड की मात्रा अधिक पाई जाती है. इसलिए पैक्ड और ब्रांडेड हल्दी की खरीदारी करने की सलाह दी जाती है. ऐसी हल्दी जो FSSAI द्वारा सर्टिफाइड हो.