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'One Nation, One Election' को कैबिनेट से मिली मंजूरी, जल्द ही संसद में लाया जाएगा विधेयक

'One Nation, One Election': 'वन नेशन वन इलेक्शन' का विधेयक पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक साथ चुनाव संबंधी उच्च स्तरीय समिति ने 18,626 पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी और अब इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.

One Nation, One Election को कैबिनेट से मिली मंजूरी, जल्द ही संसद में लाया जाएगा विधेयक
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One nation one election
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 12 Dec 2024 3:04 PM IST

One Nation, One Election: 'वन नेशन वन इलेक्शन' को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है. बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर बयान देते हुए कहा था कि कि बार-बार चुनाव होने से देश के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है. कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ चुनाव कराने की बात की सराहना की है और कहा है कि यह समय की मांग है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 'वन नेशन वन इलेक्शन' को मंजूरी दे दी है. सरकार संसद के चालू शीतकालीन सत्र में इस पर एक व्यापक विधेयक लाने की संभावना है. इससे पहले सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आम सहमति के बाद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने 2 सितंबर 2023 को अपने गठन के बाद से विचार-विमर्श और 191 दिनों के शोध कार्य के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी.

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है. जल्द ही भारत हमारी आंखों के सामने विश्व गुरु बन जाएगा.

'वन नेशन वन इलेक्शन' है देश की मांग -शिवराज सिंह चौहान

उन्होंने कहा, 'लेकिन भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है, वह है बार-बार चुनाव. देश में कोई और चीज हो रही हो या नहीं हो रही हो, लेकिन चुनाव की तैयारियां पूरे पांच साल बारह महीने चलती रहती हैं. जब लोकसभा चुनाव खत्म होते हैं, तो विधानसभा चुनाव आते हैं' हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव आ रहे हैं.' उन्होंने इसे देश के विकास और लोगों की मांग भी बताया.

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