क्यों हो रही है दुनिया भर में जंग? इजरायल-ईरान युद्ध के बीच NSA अजीत डोभाल का बड़ा खुलासा
अजीत डोभाल ने दुनिया भर में चल रही युद्ध की घटना के बीच बड़ा बयान दिया है. डोभाल ने युद्ध क्यों होता है? इस पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि युद्ध में सेना को पराजित करने से राष्ट्र की इच्छाशक्ति टूट जाती है. जब आप उन्हें युद्ध के मैदान में पराजित करते हैं तो राष्ट्र आपकी शर्तों पर आपके साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार होता है.

Ajit Doval News: पिछले कुछ समय से वैश्विक स्तर पर संघर्ष देखने को मिल रहा है. इस बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने युद्ध लड़ने का उद्देश्य क्या होता है इस पर बात की है.
अजीत डोभाल ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित इंडियाज स्ट्रैटजिक कल्चर-महाभारत एंड कौटिल्य वे ऑफ वॉर्स पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे. इस पुस्तक को रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल डॉ. जीडी बख्शी ने लिखा है.
युद्ध पर उठाए सवाल
अजीत डोभाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान कहा कि राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण और उसे मजबूत करना एक प्रमुख कार्य है. डोभाल ने सवाल उठाया कि हम युद्द क्यों लड़ते हैं? क्या यह विरोधी के मानव संसाधनों को खत्म करने के लिए या आनंद के लिए है? इसका उद्देश्य क्या है और हम उन्हें कैसे हासिल करते हैं? डोभाल ने कहा कि हम राष्ट्र की इच्छाशक्ति को तोड़कर इसे प्राप्त करते हैं और उनकी सेना को हराने से इच्छाशक्ति टूट जाती है.
युद्ध लड़ने का बताई वजह
कार्यक्रम के दौरान अजित डोभाल ने कहा कि युद्ध में सेना को पराजित करने से राष्ट्र करी इच्छाशक्ति टूट जाती है. जब आप उन्हें युद्ध के मैदान में पराजित करते हैं तो राष्ट्र आपकी शर्तों पर आपके साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार होता है. उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्र अक्सर रणनीति के इस महत्वपूर्ण पहलू को नजरअंदार कर देते हैं. उन्हें अपने नागरिकों के सामूहिक संकप्ल के जगह सैन्य युद्धअभ्यास पर ध्यान देना चाहिए.
स्वामी विवेकानंद से हमें सिखने की जरूरत-डोभाल
अजीत डोभाल ने कहा कि एक शताब्दी से पहले स्वामी विवेकानंद ने राष्ट्रीय इच्छाशक्ति को बढ़ावा देने की अवधारणा को बढ़ावा दिया था. उन्होंने कहा था कि "लगभग 100 वर्ष पहले, एक व्यक्ति जो ऐसा करने के लिए आगे आए थे.
सोशल मीडिया पर फैल रहा झूठ
अजीत डोभाल ने कहा कि सोशल मीडिया की विश्वसनीयता धीरे-धीरे खत्म हो रही है. आपको सोशल मीडिया पर उन कहानियों को खोजने और उजागर करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोई घटना घटती है तो उसके चार घंटे के अंदर को कचरा शुरू होता है, वह असलियत पर हावी हो जाता है. लेकिन थोड़ी देर बाद ही सही नजरिया आ जाए तो काम आता है.