लखनऊ में एनआरआई बहनें हुईं डिजिटल अरेस्ट, ठगों ने ट्रांसफर कराए 1.90 करोड़ रुपये
एक बार फिर से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है, जहां पर दो बहनें इस ठगी का शिकार बनी. दोनों बहने कनाडा में रहती हैं और भारत घूमने आई थी. इन दोनों बहनों के साथ ठगों ने बड़ी चतुराई से डिजिटल गिरफ्तारी की. ठगों ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल किया और वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें डराया. साइबर क्राइम थाने को मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी.

आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और इस बार एक नया तरीका देखने को मिला है. लखनऊ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें दो एनआरआई बहनों से ठगों ने लगभग 1.90 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. इस धोखाधड़ी में ठगों ने सबसे पहले इन बहनों को डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा दिया और फिर उन्हें तरह-तरह से डराकर पैसे लूटने में सफल रहे.
यह मामला उस समय का है जब दो बहनें, जो कि कनाडा की नागरिक हैं, भारत घूमने आई थीं. इन दोनों बहनों के साथ ठगों ने बड़ी चतुराई से डिजिटल गिरफ्तारी की. ठगों ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल किया और वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें डराया. इस दौरान ठगों ने बहनों को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी और यह भी कहा कि उनके बैंक खातों से आतंकवादियों को ट्रांजेक्शन किया गया है. डर का माहौल बनाते हुए ठगों ने यह भी कहा कि अगर बहनें इस मामले में शामिल पाई जाती हैं, तो उन्हें उम्रभर की सजा हो सकती है. इस धमकी के कारण बहनें घबरा जाती हैं और ठगों के कहने पर पैसे ट्रांसफर कर देती हैं. इस तरह ठगों ने कुल 1.90 करोड़ रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए.
ठगी का शिकार हुईं बहनों की पहचान और उनकी शिकायत
ठगी का शिकार हुईं बहनें सुमन कक्कड़ और विनय थपलियाल हैं. ये दोनों बहनें कनाडा में रहती हैं और भारत घूमने के लिए आई थीं. ठगों ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल किया था और वीडियो कॉल पर डराया. जब बाद में बहनों को यह एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई हैं, तो उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस की कार्रवाई
साइबर क्राइम थाने को मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस ने पहली जांच में ही 25 लाख रुपये को फ्रीज कर लिया और अब मामले की छानबीन की जा रही है. शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ठगों ने यह रकम चार राज्यों के विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई थी. पुलिस पूरी मेहनत से मामले की जांच कर रही है और यह प्रयास किया जा रहा है कि ठगों तक जल्दी पहुंचा जाए ताकि वे और लोगों को ठगी का शिकार न बना सकें.
यह घटना एक चेतावनी है कि ऑनलाइन ठगों के तरीकों में लगातार बदलाव हो रहा है. ऐसे में हमें सतर्क रहकर किसी भी प्रकार के कॉल, मैसेज या वीडियो कॉल पर बिना पुष्टि के कोई भी वित्तीय लेन-देन नहीं करना चाहिए. अगर आपको किसी कॉल पर संदेह होता है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें और खुद को सेफ रखें.