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New KYC Rules: केवाईसी के बदल गए नियम, RBI ने किए ये 6 बड़े बदलाव

केंद्रीय बैंक ने बुधवार (6 नवंबर) को 'ग्राहक को जानो' यानी KYC नियमों में बदलाव की घोषणा की है. इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग नियमों में हाल में हुए संशोधनों के हिसाब से मौजूदा दिशा-निर्देश में बदलाव करना है.

New KYC Rules: केवाईसी के बदल गए नियम, RBI ने किए ये 6 बड़े बदलाव
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( Image Source:  Credit- ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 7 Nov 2024 12:01 PM IST

RBI Change KYC Rules: भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के लिए अहम फैसला लिया है. केंद्रीय बैंक ने बुधवार (6 नवंबर) को 'ग्राहक को जानो' यानी KYC नियमों में बदलाव की घोषणा की है. इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग नियमों में हाल में हुए संशोधनों के हिसाब से मौजूदा दिशा-निर्देश में बदलाव करना है.

मास्टर निर्देश में संशोधन के मुताबिक केवाईसी निर्देश, 2016 के तहत रेगुलेटेड एंटिटीज़ (RE) को यूनिक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन कोड (UCIC) स्तर पर कस्टमर ड्यू डिलिजेंस लागू करनी होगी.

केवाईसी नियम में क्या हुआ बदला?

नए नियम के अनुसार अगर किसी आरई का मौजूदा केवाईसी कस्टमर को अपना दूसरा अकाउंट खोलने या उससे कोई अन्य प्रोडक्ट या सर्विस लेना चाहता है तो ग्राहक की पहचान के लिए नए CDD की जरूरत नहीं पड़ेगी. आरबीआई ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है. केंद्रीय बैंक ने CDD और KYC सूचना को केंद्रीय KYC रिकॉर्ड रजिस्ट्री के साथ शेयर करने के संबंध में भी बदलाव किए हैं.

बदलाव पर आरबीआई का बयान

इस संबंध में आरबीआई ने कहा कि 'जब भी कोई आरई किसी ग्राहक से अतिरिक्त जानाकारी प्राप्त करता है तो वह 7 दिनों के अंदर या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समय सीमा के अंदर CKYCR को डिटेल भेजी जाती है. जिससे CKYCR के कस्टमर में मौजूदा ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके.'

क्या है KYC?

केवाईसी प्रोसेस से मनी लॉन्ड्रिंग या धोखाधड़ी जैसी अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है. केवाईसी से कस्टमर की पहचान और पते के अलावा, उनका नाम, कांटैक्ट और जॉब की डिटेल मिल जाती है. केवाईसी की प्रक्रिया आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से की जाती है. लेकिन डिजिटल बैंकिंग के जरिए इसे ऑनलाइन भी किया जा सकता है. बता दें कि केवाईसी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, जॉब कार्ड या सरकार द्वारा जारी पत्र जैसे दस्तावेज की जरूरत पड़ती है.

RBI ने जताई सरकारी सब्सिडी पर चिंता

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अलग-अलग योजनाओं के तहत सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी पर चिंता जताई है. दास ने कहा कि केंद्र और राज्यों का पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है लेकिन उच्च सब्सिडी व्यय पर टेंशन बढ़ गई है. अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई है, जो सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रही. बैंक ने 2024-25 की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी आंकी थी लेकिन विश्व बैंक के अनुसार यह 7.0 फीसदी रह सकती है.

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