'आतंकवाद की ओर...राहुल गांधी और कांग्रेस', जम्मू-कश्मीर में गरजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
Amit Shah In Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन किश्तवाड़ में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला किया.

Amit Shah In Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने किश्तवाड़ में रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की ओर धकेलने के इरादों का आरोप लगाया है. अमित शाह ने दावा किया है कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखती है और अगर गठबंधन की सरकार सत्ता में आती है तो वे आतंकवादियों और पत्थरबाजों को जेलों से रिहा करने की योजना बना रहे हैं.
किश्तवाड़ में एक रैली में अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने हमेशा आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. 1990 के दशक में फारूक अब्दुल्ला सीएम थे. आप राजीव गांधी के साथ समझौते के बाद चुने गए थे. जब कश्मीर घाटी आतंकवाद के कारण खून से लथपथ थी. तब आप कहां थे?... आप गर्मियों की छुट्टियां मनाने लंदन गए थे. नेहरू, गांधी और अब्दुल्ला परिवार ने यहां आतंकवाद फैलाया और अब वे फिर से आपका आशीर्वाद चाहते हैं. उन्होंने कश्मीरी पंडितों का बहिष्कार किया, आतंकवाद फैलाया और आरक्षण में देरी की.'
आतंकवाद के समर्थन के लिए हैं सब एकजुट -अमित शाह
अमित शाह ने कहा, 'एक बार फिर यहां आतंकवाद के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है. एनसी और कांग्रेस ने तो यहां तक वादा किया है कि अगर वे जीत गए तो इन आतंकवादियों को रिहा कर देंगे. लेकिन मैं आज आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में है. तब तक कोई भी भारत की धरती पर आतंकवाद फैलाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा.'
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, 'आज मैं इस क्षेत्र के सभी शहीदों को याद करता हूं और वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इस तरह खत्म कर देंगे कि यह फिर कभी नहीं उभरेगा.' इसके अलावा अमित शाह ने दोहराया कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास हो चुका है. उन्होंने ये भी कहा कि जब कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण भारत का विभाजन हुआ तो नेहरू की शेख-समर्थक नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर रियासत कहां जाएगी? यह तय करने में काफी समय लगा. जब भी जम्मू-कश्मीर में कोई संकट आया तो किश्तवाड़ के लोगों ने बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया है.
8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का फैसला
बता दें कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए नवंबर-दिसंबर 2014 के बाद पहली बार चुनाव 18 सितंबर 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी. 2014 के चुनावों के कुछ महीनों बाद फरवरी 2015 में राज्य की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टियों पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और भाजपा ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया था, जिसके बाद जून 2018 में यह गठबंधन खत्म हो गया था.