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अनाथालय में पला-बढ़ा, कभी बेचता था अखबार... कहानी उस शख्स की, जो बिना UPSC पास किए बना IAS अफसर?

B Abdul Nasar: अब्दुल नासर का करियर 1994 में शुरू हुई, जब उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर पढ़ाई पूरी करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरू किया.

अनाथालय में पला-बढ़ा, कभी बेचता था अखबार... कहानी उस शख्स की, जो बिना UPSC पास किए बना IAS अफसर?
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IAS Officer B Abdul Nasar
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Published on: 21 Jan 2025 9:03 AM

Inspirational Story: ऐसे कई किस्से हैं, जिनमें लोग जीवन के निचले स्तर से से बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंच जाते हैं. उनका जज्बा उन्हें आसमान छूने की काबिलीयत भी दे देता है. ऐसी ही कहानी है IAS अधिकारी बी अब्दुल नसर (IAS Officer B Abdul Nasar) की. उनकी सफलता लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो दिखाती है कि कड़ी मेहनत और निरंतर लगे रहना आपको ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है.

बी अब्दुल नासर केरल के कन्नूर जिले के थालास्सेरी से हैं. तब उनके सामने कई चुनौतियां थीं - पांच साल की उम्र में अपने पिता को खोना, आर्थिक तंगी और कठिनाइयां. वो तो अभी इतने छोटे थे की उन्हें जीवन जीने का अनुभव भी नहीं था. उन्हें अपने भाई-बहनों के साथ अनाथालय भेज दिया गया था. इस दौरान उनकी मां ने घरेलू नौकरानी के रूप में काम करके उनकी आर्थिक मदद की.

अनाथालय में पला-बढ़ा लेकिन लगन ने दिलाई सफलता

लेकिन अब्दुल नासर ने उम्मीद नहीं खोई और 13 साल तक अनाथालय में रहते हुए अपनी शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत की. छोटी उम्र से ही उन्होंने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पास के ही एक होटल की सफाई और छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया था.

उन्होंने थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इस दौरान भी उन्होंने छोटे-मोटे काम कई काम किए. जहां अखबार बांटना, ट्यूशन क्लास लेना और फोन ऑपरेटर के तौर पर काम किया.

अब्दुल नसर यूपीएससी पास किए बिना ही आईएएस बन गए

बी अब्दुल नासर का करियर 1994 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरू किया.

सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी अटूट लगन और कड़ी मेहनत ने उन्हें सालों तक लगातार प्रमोशन दिलाई और एक दिन ऐसा आया, जिसके लिए लाखों बच्चे कड़ी मेहनत करते हैं.

शानदार प्रमोशन के साथ 2006 में वह राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर के पद तक पहुंच गए और आईएएस अधिकारी बन गए. ये कहानी आसान नहीं है.

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