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ऑस्ट्रेलिया, यूएई और स्विट्जरलैंड के लिए भारत कर चुका है टैरिफ में कटौती, अब अमेरिका की बारी

भारत और अमेरिका 2025 तक संभावित बहुपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर चर्चा कर रहे हैं. भारत ने यूएई, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के लिए टैरिफ कम किया है. पीएम मोदी और ट्रंप ने बाजार पहुंच, शुल्क और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर सहमति जताई और इसपर बातचीत जारी है.

ऑस्ट्रेलिया, यूएई और स्विट्जरलैंड के लिए भारत कर चुका है टैरिफ में कटौती, अब अमेरिका की बारी
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 9 March 2025 6:36 AM

भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में जुटा हुआ है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए पारस्परिक टैरिफ धमकी को टालने की कोशिश में लगी है. सरकार ने कहा कि 2025 तक संभावित बहुपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की चर्चा को भारत द्वारा हाल ही में यूएई, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे विकसित देशों के लिए टैरिफ कम करने की व्यापक नीति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी वाणिज्य सचिव और व्यापार प्रतिनिधि से मुलाकात की थी. आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका दोनों के अपने हित और संवेदनशीलताएं हैं, जो कि चर्चा का स्वाभाविक विषय है. हालांकि, वार्ता के बीच भी ट्रंप भारत को 'भारी शुल्क' लगाने के लिए निशाना बनाते रहे. उन्होंने हाल ही में कहा कि भारत अब अपने शुल्क 'काफी कम करने को तैयार' हो गया है क्योंकि अब कोई है जो इसे बेनकाब कर रहा है.' इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर ट्रंप के दबाव में काम करने का आरोप लगाया.

टैरिफ पर फिर से शुरू हुई बातचीत

सरकारी सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच एक सीमित व्यापार समझौते को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह सफल नहीं हो सका. अब, जब नई वार्ताएं शुरू हुई हैं, तो इसके विस्तृत विवरण पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार वार्ताओं का प्रत्येक आयाम दोनों पक्षों के हितों को दर्शाता है.

इन देशों के लिए टैरिफ में की कटौती

यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड और नॉर्वे जैसे प्रमुख विकसित देशों के लिए अपने औसत टैरिफ में महत्वपूर्ण कटौती की है, जिससे पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते संभव हो सके. इसी तरह की वार्ताएँ यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ भी चल रही हैं. अमेरिका के साथ जारी व्यापार वार्ता को भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

भविष्य में होगा पॉजिटिव समझौता

फरवरी 2025 में भारत और अमेरिका ने पहले चरण के व्यापार समझौते पर वार्ता करने पर सहमति जताई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने प्रतिनिधियों को वार्ता को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था, जिसका उद्देश्य बाजार पहुंच बढ़ाना, शुल्क और गैर-शुल्कीय बाधाओं को कम करना और आपूर्ति सीरीज के एकीकरण को गहरा करना था. इसी दिशा में, भारत का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 3-6 मार्च 2025 तक वाशिंगटन की यात्रा पर गया, जहां उसने अमेरिकी वाणिज्य सचिव और व्यापार प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की. वार्ताओं में शुल्क और अन्य व्यापारिक मुद्दों को प्राथमिकता दी गई, जिन पर प्रधानमंत्री की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भी चर्चा हुई थी. भारत और अमेरिका के बीच यह संवाद एक सतत प्रक्रिया है, जो भविष्य में एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की नींव रख सकती है.

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