Begin typing your search...

भारत और अमेरिका हो जाएंगे एक, सॉल्व हो जाएगा टैरिफ विवाद; Russia से तेल लेना टैरिफ की असली वजह नहीं! जानिए कैसे

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने नया मोड़ ले लिया है. अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लागू किए जाने के कुछ घंटों के भीतर ही दोनों देशों की ओर से संकेत मिले हैं कि वे इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, 'मेरा मानना है कि आखिरकार हम साथ आएंगे. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था.

भारत और अमेरिका हो जाएंगे एक, सॉल्व हो जाएगा टैरिफ विवाद; Russia से तेल लेना टैरिफ की असली वजह नहीं! जानिए कैसे
X
( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 28 Aug 2025 7:35 AM IST

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने नया मोड़ ले लिया है. अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लागू किए जाने के कुछ घंटों के भीतर ही दोनों देशों की ओर से संकेत मिले हैं कि वे इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, 'मेरा मानना है कि आखिरकार हम साथ आएंगे. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था.

वहीं, भारत सरकार के अधिकारियों ने भी साफ किया कि संवाद के रास्ते खुले हैं और दोनों देश लंबी साझेदारी को ध्यान में रखते हुए समाधान तलाश रहे हैं. हालांकि, भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने किसानों, मछुआरों और छोटे व्यवसायों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा.

रूस से कच्चे तेल की खरीद बनी बड़ी वजह

अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने आरोप लगाया कि भारत का रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदना इस डील को तोड़ने वाला कारक रहा. उन्होंने यूरोपीय देशों से भी अपील की कि वे भारत के खिलाफ अमेरिका जैसी सख्त कार्रवाई करें. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते हैं और समाधान संभव है.

भारतीय निर्यात पर असर सीमित- अधिकारी

भारत सरकार ने इस टैरिफ के प्रभाव को लेकर चिंता कम दिखाई है. अधिकारियों ने कहा कि 'हमारे निर्यात काफी विविधतापूर्ण हैं, अमेरिका के बाजार पर उतने निर्भर नहीं हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोबाइल फोन और दवा उद्योग जैसी कई कैटेगरी इस शुल्क से मुक्त हैं. अप्रैल-जुलाई में भारत से अमेरिका को निर्यात 21% बढ़कर 33 अरब डॉलर से ज्यादा रहा और उम्मीद है कि यह सालाना आंकड़ा 86 अरब डॉलर के करीब पहुंचेगा.

अमेरिकी दबाव में नहीं झुकेगा भारत

भारत ने साफ किया है कि वह अमेरिकी कृषि उत्पादों, जैसे मक्का, सोया और डेयरी पर कम शुल्क लगाने या जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड की अनुमति देने जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगा. अधिकारियों ने कहा कि भारत की प्राथमिकता किसानों और छोटे उद्योगों की सुरक्षा है, जबकि अमेरिका अपनी शर्तों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा.

लंबी और जटिल बातचीत

बेसेंट ने स्वीकार किया कि यह संबंध जटिल है. उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही जटिल रिश्ता है. राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप या प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी उस स्तर पर बहुत अच्छे संबंध रखते हैं। और यह केवल रूसी तेल तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि भारत के साथ व्यापार समझौता शुरुआती डील्स में होगा, लेकिन बातचीत अभी भी अटकी हुई है.

India News
अगला लेख