देता था नौकरी का झांसा, कोरियन महिलाओं से करता था रेप, 8 साल बाद इस भारतीय युवक को मिली ऑस्ट्रेलिया में सजा
आठ साल बाद हरियाणा के एक शख्स को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सजा मिली है. साल 2017 में शख्स पर कई कोरियन महिलाओं से रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जो नौकरी के झांसे में उन्हें नशीला पदार्थ देता है और रेप का वीडियो भविष्य के लिए रखता था. अब जज ने उसे 40 की सजा सुनाई है.

ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय समुदाय के नेता को पांच कोरियाई महिलाओं के साथ प्री-प्लांड और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिए गए बलात्कार के लिए 40 साल की जेल की सजा सुनाई गई है, जिसमें 30 साल की नॉन-पैरोल अवधि शामिल है. हरियाणा के रेवाड़ी निवासी 43 वर्षीय बालेश धनखड़ को शुक्रवार को डाउनिंग सेंटर जिला न्यायालय में सजा सुनाई गई.
धनखड़ ने सिडनी में अपने घर के आस-पास महिलाओं को नशीला पदार्थ देने से पहले उन्हें लुभाने के लिए फर्जी नौकरी के विज्ञापन पोस्ट किए. ऑस्ट्रेलियाई एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईटी सलाहकार ने इसके बाद महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की और उनके साथ बलात्कार किया.
बनता था रेप का वीडियो
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने भविष्य में अपनी यौन संतुष्टि के लिए अपने अपराधों का वीडियो भी बनाया था. जो साल 2017 में पुलिस को उसके घर में छापा मारने के दौरान मिला कि वह पीड़ित महिलाओं के साथ रेप के दौरान उनका वीडियो बनाता था. शुक्रवार को धनखड़ को जेल भेजते हुए जिला अदालत के जज माइकल किंग ने कहा कि अपराधी का इरादा प्री-प्लान था. उसने बड़ी चालाकी से अपनी योजना के मुताबिक नौकरी का झांसा देकर उनसे रेप किया.
महिलाओं की हालत थी खराब
रिपोर्ट में जज के हवाले से कहा गया है, 'यह एक महत्वपूर्ण अवधि में पांच अनरिलेटेड युथ और कमजोर महिलाओं के खिलाफ योजनाबद्ध हिंसक आचरण का एक गंभीर क्रम था. ' 21 से 27 साल की उम्र की सभी महिलाएं रेप के समय या तो बेहोश थीं या उनकी हालत काफी खराब थी. धनखड़ ने एक भयानक एक्सेल स्प्रेडशीट बना रखी थी, जिसमें उसने अपने फर्जी जॉब एडवरटाइजमेंट के हर अप्लीकेशन को महिलाओं को उनकी ब्यूटी और इंटेलिजेंस के बेस पर रेटिंग देता था.
कौन है धनखड़
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में अपनी गिरफ्तारी से पहले, धनखड़ को भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के बीच काफी सम्मान मिला था, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के एक समूह की स्थापना की थी और हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता के रूप में काम किया था. धनखड़ ने एबीसी, ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको, टोयोटा और सिडनी ट्रेन्स के साथ डेटा विज़ुअलाइज़ेशन कंसल्टेंट के रूप में भी काम किया. वह 2004 में छात्र वीज़ा पर ऑस्ट्रेलिया आया था.
परिवार ने व्यक्त किया दुख
बता दें कि बालेश धनखड़ ने रेवाड़ी के केंद्रीय विद्यालय से अपनी स्कूलिंग पूरी की. धनखड़ के परिवार ने गहरा दुख व्यक्त किया है. इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड ऑफिसर पिता अजीत धनखड़ दिल्ली सर्कार में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के रूप में भी काम किया है. उनकी मां एक हाउसवाइफ हैं. हालांकि बालेश धनखड़ के भाई का कहना है कि राजनीतिक ईर्ष्या के कारण उन्हें फंसाने की साजिश रची गई. वहीं धनखड़ की पत्नी और बेटी साल 2023 में ही भारत आ गई थी और परिवार के साथ रहकर अपना प्ले स्कूल चला रही हैं.