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2 बैठक फिर भी संतुष्ट नहीं बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स, विरोध प्रदर्शन वापसी नहीं लेने को तैयार; जानें क्या है उनकी मांगें?

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से हुए दुष्कर्म और हत्या मामले पर सरकार और डॉक्टरों के बीच बैठकों का सिलसिला जारी रहा. बैठक के बाद सीएम ममता ने बताया कि डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. लेकिन डॉक्टर अभी भी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है डॉक्टरों की मांगे.

2 बैठक फिर भी संतुष्ट नहीं बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स, विरोध प्रदर्शन वापसी नहीं लेने को तैयार; जानें क्या है उनकी मांगें?
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बंगाल में जारी है डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शनः फोटो- ANI
सार्थक अरोड़ा
by: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 19 Sept 2024 1:55 PM IST

कोलकाताः कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से हुए दुष्कर्म और हत्या मामले पर सरकार और डॉक्टरों के बीच बैठकों का सिलसिला जारी रहा. बैठक के बाद सीएम ममता ने बताया कि डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. साथ ही पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल का इस्तीफा स्वीकार किया गया था.

वहीं साथ ही स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. भले ही ममता बनर्जी ने मीडिया के सामने आकर यह ऐलान किया कि डॉक्टरों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. लेकिन ताजा जानकारी की अगर बात की जाए तो इस पर डॉक्टरों ने गुरुवार को कहा कि बुधवार शाम नबन्ना में मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के बाद अधिकारियों ने उनकी सभी मांगों को खारिज कर दिया है.

हमारी चिंताओं को नहीं दी प्राथमिकता

जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि "बैठक के दौरान, मुख्य सचिव हमारी मांगों को स्वीकार करने के लिए तैयार लग रहे थे, लेकिन बाद में, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि अधिकारियों ने हमारी चिंताओं को प्राथमिकता नहीं दी. ऐसे विषय थे जिन पर ध्यान नहीं दिया गया, और उन्होंने हमें ईमेल के जरिए आगे बढ़ने के लिए कहा. बात क्या है एक बैठक के बाद एक ईमेल लिखने का? हमारे अनुरोध पूरे नहीं हुए, और उन्होंने लिखित रूप में कोई प्रतिबद्धता देने से भी इनकार कर दिया। हमने अपनी मांगें प्रस्तुत कर दी हैं, और हमारा विरोध जारी रहेगा क्योंकि हम बैठक के नतीजे से असंतुष्ट हैं.

डॉक्टरों की क्या हैं मांगे

इस मामले के बाद लगातार डॉक्टरों द्वारा सुरक्षा में वृद्धि, मजबूत रोगी रेफरल प्रणाली, वास्तविक समय में बिस्तर रिक्ति की निगरानी, स्थायी स्वास्थ्य देखभाल वर्कर्स की नियुक्तियां, सहायक अधीक्षक भूमिकाओं से गैर-चिकित्सा कर्मियों को हटाना, प्रोफेशनल्स को परामर्शदाताओं को नियुक्त करना शामिल है. बेहतर डॉक्टर-रोगी संपर्क, छात्र संघ चुनाव आयोजित करना, सभी कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की स्थापना करना, प्रत्येक अस्पताल में एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन करना और प्रचलित खतरे की संस्कृति को खत्म करने की मांगे शामिल है.

सरकार ने दी स्वीकृति

वहीं डॉक्टरों द्वारा की गई मांगों पर सरकार ने अब तक 29 अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए 1,514 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. इनमें 910 पुरुष और 604 महिलाएं शामिल हैं. इस पहल का उद्देश्य आर जी कर के दुखद बलात्कार और हत्या के जवाब में सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा मजबूत करना है.

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