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शिवराज के पंच की कायल बीजेपी! यूं ही नहीं पार्टी अध्यक्ष पद की रेस में हैं सबसे आगे

BJP और RSS नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में जुटे हैं, लेकिन अंतिम फैसला अभी बाकी है. अध्यक्ष पद के लिए दक्षिण भारत और संगठन के अनुभवी नेताओं पर चर्चा हो रही है. बताया जाता है कि होली के बाद नाम घोषित होने की संभावना है. संगठनात्मक चुनाव पूरे होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.

शिवराज के पंच की कायल बीजेपी! यूं ही नहीं पार्टी अध्यक्ष पद की रेस में हैं सबसे आगे
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 27 Feb 2025 3:17 PM IST

BJP पिछले कुछ महीने से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में जुटी हुई है. पार्टी के भीतर इस पर गहन मंथन चल रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि होली के बाद नए अध्यक्ष का नाम घोषित किया जा सकता है. यह निर्णय दो प्रमुख पहलुओं पर आधारित है. पहला, ऐसा नेता चुना जाए जो संगठन को कुशलता से संचालित कर सके, RSS की पृष्ठभूमि रखता हो और चुनावी रणनीति में निपुण हो. दूसरा, दक्षिण भारत से किसी नेता को अध्यक्ष बनाया जाए, क्योंकि पिछले दो दशकों से कोई भी दक्षिण भारतीय BJP का अध्यक्ष नहीं बना है.

आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी दक्षिण भारत में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. लेकिन एक नाम जो इस पद के दावेदार को रूप में तेजी से उभरा है, वो हैं शिवराज सिंह चौहान. शिवराज सिंह चौहान को लेकर कई ऐसी बातें हैं जो उनके पक्ष में जाती हैं.

तीन नाम चल रहे आगे

बताया जाता है कि अध्यक्ष पद के लिए तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं. ये तेन नेता शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और धर्मेंद्र प्रधान हैं. इनके अलावा, BJP के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी इस दौड़ में शामिल हैं. इसके अलावा दक्षिण भारत से एकमात्र महिला उम्मीदवार डी. पुरंदेश्वरी भी संभावित नामों में शामिल हैं.

शिवराज सिंह चौहान हैं पहली पसंद

इन नामों में सबसे आगे शिवराज सिंह चौहान का नाम चल रहा है. वह भारतीय राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. वे छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और चार बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने 'लाडली बहना योजना' की शुरुआत की, जो विधानसभा चुनाव में 'गेमचेंजर' साबित हुई. यह योजना इतनी प्रभावी रही कि इसे अन्य राज्यों ने भी अपनाना शुरू कर दिया. विपक्षी दल भी इस मॉडल को कॉपी कर रहे हैं, जिससे उनके नेतृत्व की क्षमता और लोकप्रियता साबित होती है.

RSS से गहरा नाता

शिवराज सिंह चौहान का RSS से गहरा नाता रहा है. वे महज 13 साल की उम्र में RSS से जुड़ गए थे और आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे. वे OBC समुदाय से आते हैं, जो उन्हें सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक मजबूत जनाधार प्रदान करता है. 2005 में वे मध्य प्रदेश BJP के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, जिससे उनके संगठनात्मक कौशल की पुष्टि होती है.

मास लीडर की छवि

शिवराज सिंह चौहान की छवि एक जननेता और मास लीडर की है. उनकी सहज, सुलभ और जमीन से जुड़ी राजनीति उन्हें आम जनता के करीब रखती है. OBC समुदाय से आने के कारण उनका मजबूत सामाजिक आधार है. उनकी लोकप्रियता और संगठनात्मक अनुभव उन्हें BJP अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार बनाता है.

नेगेटिव पॉइंट कुछ भी नहीं

बताया जाया है कि अगर RSS का प्रभाव निर्णायक रहा, तो शिवराज BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं. उनके नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पास कोई नकारात्मक कारण नहीं है. हालांकि, उनकी सूची में शिवराज का नाम धर्मेंद्र प्रधान के बाद दूसरे स्थान पर है, जबकि RSS की प्राथमिकता सूची में शिवराज सबसे ऊपर हैं.

अध्यक्ष बनने में देरी संभव

BJP इस प्रक्रिया को संगठनात्मक चुनावों के साथ जोड़कर आगे बढ़ रही है, लेकिन इसमें अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, "राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में कम से कम एक महीना और लग सकता है, क्योंकि राज्य स्तर पर संगठनात्मक चुनावों की गति को देखते हुए यह स्वाभाविक है."

जेपी नड्डा संभाल रहे जिम्मेदारी

वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी और 2020 में अमित शाह से औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया. BJP के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने आवश्यक हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, 15 जनवरी तक राज्य अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी होनी थी.

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