मैट्रिमोनी पोर्टल पर शख्स को नहीं मिली दुल्हन, कंज्यूमर कोर्ट ने लगा दिया 60,000 का जुर्माना
हर मां-बांप का सपना होता है की उनके बच्चों का अच्छे से घर बस जाए. बेंगलुरु से एक खबर आ रही है जहां पर युवक की शादी नहीं हो रही थी तो पिता ने बेटे की शादी कराने के लिए मैट्रिमोनियल साइट का सहारा लिया. उन्होंने अच्छी दुल्हन खोजने के लिए 30,000 रूपये भी लिए. लेकिन इन सबके बाद भी शादी नहीं हुई, जानें क्या है मामला.

हर किसी का सपना होता है कि उसको एक अच्छा सा लाइफ पार्टनर मिल जाए जिसके साथ वह अपना घर बसा सके. लेकिन क्या की अगर हजार बार कोशिश करने के बाद भी किसी की शादी न हो रही हो, किसी न किसी तरह की अरचड़ आ रही हो. इस समस्या से निपटने के लिए लोग फिर मैट्रिमोनियल साइट का सहारा लेते हैं. हाल ही में बेंगलुरु से एक ऐसा मामला सामने आया है लेकिन यहां तो मैट्रिमोनियल साइट की मदद से भी युवक की शादी नहीं हुई.
पिता ने कोर्ट को बताया कि उसने अपने बेटे की शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट पर अप्लाई किया था. दिलमिल मैट्रिमोनी ने दुल्हन खोजने के लिए 30,000 रुपये लिए. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि 45 दिनों के भीतर उनके बेटे के लिए उपयुक्त दुल्हन मिल जाएगी. लेकिन जब समय बीता और कोई परिणाम नहीं निकला, तो विजय कुमार बार-बार कार्यालय गए. हालांकि, स्टाफ ने उन्हें निराश किया और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया.
मैट्रिमोनियल साइट पर लगा जुर्माना
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, बेंगलुरु की एक उपभोक्ता अदालत ने एक मैट्रिमोनी पोर्टल पर एक व्यक्ति के लिए संभावित दुल्हन न मिलने पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. विजय कुमार, जो बेंगलुरु के एम एस नगर में रहते हैं, अपने बेटे बालाजी के लिए दुल्हन की तलाश में थे. इस खोज में उन्होंने दिलमिल मैट्रिमोनी पोर्टल का सहारा लिया, जिसके कल्याण नगर में कार्यालय हैं. 17 मार्च को, विजय कुमार आवश्यक दस्तावेज और तस्वीरों के साथ कार्यालय पहुंचे.
फिर, 9 मई को विजय कुमार ने कानूनी नोटिस जारी किया, लेकिन दिलमिल ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. मामले की सुनवाई के बाद, 28 अक्टूबर को अदालत ने कहा, "शिकायतकर्ता को एक भी उपयुक्त प्रोफ़ाइल नहीं मिली, और जब वे कार्यालय गए, तो उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया." आयोग के अध्यक्ष रामचंद्र एम एस ने स्पष्ट किया कि पोर्टल ने सेवा में कमी की.
कोर्ट का आदेश
अदालत ने विजय कुमार को 30,000 रुपये की फीस, 20,000 रुपये सेवा की कमी के लिए, 5,000 रुपये मानसिक पीड़ा के लिए, और 5,000 रुपये मुकदमेबाजी के लिए वापस करने का आदेश दिया.