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अग्नि-5 की दहाड़ से कांप उठेगा दुश्मन देश! 5500 KM तक वार, खूबियां जानकर उड़ जाएगी 'ना-पाक' की नींद?

भारत ने अपनी सबसे खतरनाक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण कर फिर से दुश्मनों को चेतावनी दे दी है. 5500 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली यह मिसाइल चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए बड़ा खतरा है. अग्नि-5 में मल्टीपल वॉरहेड, एडवांस नेविगेशन सिस्टम और सटीक टारगेटिंग जैसी खूबियां हैं. इसके सफल परीक्षण से भारत की स्ट्रेटेजिक ताकत कई गुना बढ़ गई है और अब भारत दुनिया की उन चुनिंदा ताकतों में शामिल है जो लंबी दूरी पर परमाणु हमला करने में सक्षम हैं.

अग्नि-5 की दहाड़ से कांप उठेगा दुश्मन देश! 5500 KM तक वार, खूबियां जानकर उड़ जाएगी ना-पाक की नींद?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 20 Aug 2025 8:44 PM

भारत ने अपनी रणनीतिक सैन्य क्षमता का दमखम दिखाते हुए बुधवार (20 अगस्त 2025) को स्वदेशी तकनीक से विकसित इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि–V' (Agni–V) का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है इसकी 5500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता, जिससे अब चीन और पाकिस्तान समेत यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्से भारत की पहुंच में आ गए हैं.

ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किए गए इस परीक्षण को स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने अंजाम दिया. रक्षा मंत्रालय (MoD) के मुताबिक, यह परीक्षण सभी ऑपरेशनल और टेक्नोलॉजिकल पैरामीटर्स पर पूरी तरह सफल रहा. मंत्रालय ने कहा कि यह लॉन्च भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता (Nuclear Deterrence) को और मजबूती प्रदान करता है और साफ करता है कि मिसाइल ऑपरेशनल तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार है.

दुश्मनों की नींद उड़ाने वाली ताकत

अग्नि–V की 5500 KM रेंज इतनी लंबी है कि बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू से लेकर इस्लामाबाद और कराची तक सभी बड़े शहर भारत की जद में आते हैं. यही नहीं, इसकी क्षमता एशिया से आगे यूरोप और अफ्रीका तक फैली हुई है. यह मिसाइल भारत को वैश्विक स्तर पर एक बड़ी रणनीतिक बढ़त देती है.

रडार को चकमा देने वाली टेक्नोलॉजी

अग्नि–V को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन के एंटी–मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी धोखा दे सकती है. इसकी गति और ऊंचाई बदलने की क्षमता के साथ उन्नत नेविगेशन सिस्टम इसे रडार की पकड़ से लगभग बाहर कर देते हैं.

अग्नि–V की खूबियां

  • तीन स्टेज वाला सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम-जो इसे बेहद भरोसेमंद बनाता है.
  • रिंग लेजर जायरो और GPS नेविगेशन सिस्टम-लक्ष्य पर सटीक वार की गारंटी.
  • परमाणु वारहेड ले जाने की क्षमता-1.5 टन तक पेलोड उठाने में सक्षम.

मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च की सुविधा -यानी इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है.

अगली तैयारी- MIRV टेक्नोलॉजी

भारत जल्द ही अग्नि–V में MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक जोड़ने जा रहा है. इसके जुड़ने के बाद एक ही मिसाइल से अलग–अलग जगहों पर कई वारहेड दागे जा सकेंगे. यह इसे और भी घातक और रणनीतिक रूप से प्रभावशाली बना देगा.

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