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Rhea ने आत्महत्या के लिए नहीं उसकाया... Sushant Singh Rajput केस में क्लोज़र रिपोर्ट जारी, परिवार ने जताई नाराजगी

सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि जब रिया और उनका भाई 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर गए थे, तब वे केवल अपना निजी सामान जैसे सुशांत द्वारा गिफ्ट्स में दिया गया एक एप्पल लैपटॉप और एक घड़ी ही साथ ले गए थे.

Rhea ने आत्महत्या के लिए नहीं उसकाया... Sushant Singh Rajput केस में क्लोज़र रिपोर्ट जारी, परिवार ने जताई नाराजगी
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( Image Source:  Instagram : sushantsinghrajput )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 23 Oct 2025 11:10 AM

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती या किसी अन्य व्यक्ति ने उन्हें अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया, न ही उन्हें धमकी दी और न ही आत्महत्या के लिए उकसाया. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि रिया ने सुशांत के पैसे या संपत्ति का कोई गबन नहीं किया. जांच में यह भी सामने आया कि सुशांत ने रिया को अपने 'परिवार' के रूप में संबोधित किया था.

रिपोर्ट के अनुसार, 8 जून से 14 जून, 2020 के बीच, जब सुशांत अपने बांद्रा, मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाए गए थे, उस दौरान रिया या उनके परिवार का कोई भी सदस्य उनके साथ नहीं था. सुशांत ने 10 जून को रिया के भाई शोविक चक्रवर्ती से व्हाट्सएप पर बात की थी, लेकिन रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई थी. सुशांत की बहन मीतू सिंह 8 जून से 12 जून तक उनके साथ थी.

परिवार की नाराजगी और प्रतिक्रिया

सुशांत का परिवार इस क्लोजर रिपोर्ट से बेहद नाखुश है और इसे भ्रामक और अधूरा मानता है. परिवार के वकील वरुण सिंह ने इसे 'आंखों में धूल झोंकने' वाला कदम बताया. उनका कहना है कि सीबीआई ने इस मामले में पूरी पारदर्शिता नहीं दिखाई. उन्होंने कहा, 'अगर सीबीआई सच को सामने लाना चाहती थी, तो उसे सभी सबूत जैसे चैट, तकनीकी रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और मेडिकल रिकॉर्ड सार्वजनिक करने चाहिए थे. यह जांच अधूरी और कमजोर है, हम इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर करेंगे.

रिपोर्ट में और क्या कहा गया?

सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि जब रिया और उनका भाई 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर गए थे, तब वे केवल अपना निजी सामान—जैसे सुशांत द्वारा गिफ्ट्स में दिया गया एक एप्पल लैपटॉप और एक घड़ी ही साथ ले गए थे. एजेंसी ने यह भी कहा कि सुशांत की संपत्ति के गबन का कोई सबूत नहीं मिला. साथ ही, सुशांत के वित्तीय लेन-देन का मैनेजमेंट उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकील द्वारा किया जाता था, जो पूरी तरह से निगरानी में था. रिया से जुड़े खर्च, जैसे 2019 की यूरोप यात्रा, को भी वैध और सुशांत की मर्जी से किया गया बताया गया.

परिवार का दुख और गुस्सा

सुशांत के परिवार का मानना है कि सीबीआई की रिपोर्ट में कई सवाल के जवाब नहीं हैं. वरुण सिंह ने कहा, 'यह कहना कि सुशांत के खाते से पैसे का दुरुपयोग नहीं हुआ, पर्याप्त नहीं है. सीबीआई को इसके सपोर्ट में बैंक स्टेटमेंट जैसे ठोस सबूत पेश करने चाहिए थे.' परिवार का कहना है कि यह जांच उनके दुख और सवालों का सम्मान नहीं करती.

कानूनी लड़ाई और अगली सुनवाई

यह मामला चार साल से अधिक समय से चल रहा है. सीबीआई ने दो मामलों की जांच की एक सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा दर्ज कराया गया, जिसमें रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने और वित्तीय शोषण का आरोप था, और दूसरा रिया द्वारा सुशांत की बहनों के खिलाफ मुंबई में दर्ज कराया गया. इस मामले ने पूरे देश में हंगामा मचाया था और बिहार व मुंबई में राजनीतिक बहस को जन्म दिया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर, 2025 को पटना की एक अदालत में होगी, जहां सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी.

स्वीकार नहीं करेंगे क्लोजर रिपोर्ट

सुशांत का परिवार इस मामले में न्याय की उम्मीद में अब भी दृढ़ है. उनका कहना है कि वे सुशांत के लिए इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगे और इस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेंगे. परिवार का मानना है कि सुशांत की मौत के पीछे कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है. वे इस मामले को अंत तक ले जाने के लिए कमिटमेंट हैं.

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