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अब भीड़ उतनी नहीं रही..... जलसा के बाहर अपने फैंस की संख्या कम होने पर उदास हुए Amitabh Bachchan

अमिताभ बच्चन की यह रविवार की परंपरा उनके और उनके फैंस के बीच एक खास रिश्ता बनाए रखती है, जो समय के साथ बदलती ज़िंदगी के बीच भी अपनी अहमियत बनाए हुए है. लेकिन इस बार बिग बी अपने फैंस के लिए थोड़ा उदास भी हुए.

अब भीड़ उतनी नहीं रही..... जलसा के बाहर अपने फैंस की संख्या कम होने पर उदास हुए Amitabh Bachchan
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( Image Source:  Tumblr )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 12 Aug 2025 11:14 AM IST

अमिताभ बच्चन का हर रविवार को अपने घर जलसा में फैंस से मिलना एक पुरानी और खास परंपरा बन चुकी है. यह दिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन वे अपने फैंस और शुभचिंतकों से सीधे मिलते हैं. जलसा के दरवाज़े हर रविवार को खुले रहते हैं, और लोग अलग-अलग उम्र और बैकग्राउंड से आते हैं ताकि वे इस महान स्टार को करीब से देख सकें, उनसे बातचीत कर सकें और आशीर्वाद ले सकें. अमिताभ बच्चन खुद भी इस मिलन को बेहद प्यार करते हैं और हर किसी का दिल खोलकर स्वागत करते हैं.

लेकिन हाल ही में, 10 अगस्त के रविवार को जब वे अपने फैंस से मिले, तो उन्होंने अपने ब्लॉग पर एक दिल छू लेने वाला अनुभव लिखा. उन्होंने बताया कि इस बार कुछ अलग सा महसूस हुआ. वे बोले कि उन्हें लगा कि इस बार मिलने वाले लोग थोड़े उदास थे, सिवाय उन कुछ खास फैंस के जो हमेशा इस परंपरा के लिए डेडिकेटेड रहते हैं. अमिताभ ने कहा कि शायद देर हो गई थी, या शाम का समय थोड़ा गहरा गया था, जिसकी वजह से लोग जल्दी घर जाना चाहते थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मौसम भी कुछ बादल छाए हुए था, जो माहौल को थोड़ा भारी बना रहा था. इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि शायद जलसा के गेट थोड़े जल्दी खोल दिए जाएं ताकि लोग ज्यादा देर तक इंतजार न करें और उनकी मुलाकात आराम से हो सके.

खास बन जाती है मुलाकात

इस खास दिन की कई तस्वीरें भी अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर शेयर कीं, जिनमें उनके फैंस द्वारा लाए गए पोस्टर और बैनर साफ दिख रहे थे. उन्होंने लिखा कि हर मुलाकात उनके लिए एक खास याद बन जाती है, जो पूरे दिन उनके साथ रहती है. चाहे वे ब्लॉग लिख रहे हों या किसी और काम में व्यस्त हों, उस दिन की यादें हमेशा उनके दिल में ताजा रहती हैं. उन्होंने बताया कि जब वे लिखने का काम पूरा कर लेते हैं, तो फिर पूरा दिन उसी याद में बीत जाता है.

अब संख्या पहले से कम हो गई है

अमिताभ बच्चन ने पहले भी कहा था कि रविवार को मिलने वाले लोगों की संख्या अब पहले जैसी नहीं रही, और एक्साइटमेंट भी थोड़ा कम हो गई है. पहले जहां खुशी की आवाजें ज़ोर से सुनाई देती थी, अब वह सब मोबाइल कैमरों में कैद हो जाता है. वे यह भी मानते हैं कि समय के साथ सब कुछ बदलता है, और कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता. फिर भी, हर रविवार उनके जुहू स्थित घर के बाहर सैकड़ों लोग जमा होते हैं, जो उनसे मिलने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बेकरार रहते हैं. उनकी विनम्रता का अंदाज़ इस बात से भी झलकता है कि वे हर बार अपने जूते उतारकर अपने फैंस का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह की भक्ति और सम्मान का प्रतीक है.

इस फिल्म में आए थे नजर

काम की बात करें तो अमिताभ बच्चन ने हाल ही में तमिल फिल्म 'वेट्टाइयन' में काम किया है, जो उनके करियर में एक नया मुकाम है. इस फिल्म में उनके साथ रजनीकांत और कई अन्य बड़े सितारे भी हैं. टीजे ज्ञानवेल के निर्देशन में बनी यह एक्शन ड्रामा फिल्म उनके फैंस के लिए एक नई खुशी लेकर आई है.

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