नहीं मनेगी बांग्लादेश में दुर्गा पूजा! यूनुस सरकार ने किया साफ इनकार, मूर्तियों को लेकर तोड़फोड़ जारी
बांग्लादेश में अभी भी हिन्दुओं के हालात बेहद खराब है. अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने वहां के हिन्दुओं को दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं वहां पर दुर्गा पूजा के लिए तैयार की गई मूर्तियों को भी तोड़ा गया. साथ ही पूजा समितियों को नमाज अदा के दौरान मौन रहने को कहा गया है.;
शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है, लेकिन बांग्लादेश अभी भी अपने यहां दुर्गा पूजा मनाने की इजाजत नहीं दे रहा है. यही वजह है कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर हंगामा मचा हुआ है. हिंदुओं को दुर्गा पूजा मनाने की इजाजत नहीं दी जा रही है और कई जगहों पर देवी मां की मूर्तियां तोड़ी जा रही है.
अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और मुस्लिम निकायों ने खराब सुरक्षा व्यवस्था और खतरों का हवाला देते हुए पूरे देश में हिंदुओं को दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है साथ ही पूजा समितियों को नमाज अदा के दौरान मौन रहने को कहा गया है. यह निर्देश देश भर में कई स्थानों से दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़े जाने की खबरों के बीच आया है.
दान पेटी लूट ली गई
किशोरगंज के बत्रिश गोपीनाथ जिउर अखाड़ा में गुरुवार की सुबह देवी की नई मूर्ति को खंडित कर दिया गया. बांग्लादेश के कोमिला जिले में नवनिर्मित दुर्गा मूर्ति को तोड़ दिया गया और मंदिर की दान पेटी लूट ली गई. वहीं नरैल जिले में दो दिन पहले इस्लामवादियों ने मीरापारा में एक दुर्गा मंदिर पर हमला किया था. इस बीच सरकारी सूत्रों ने कहा कि पूजा समिति को लिखित संचार के माध्यम से प्रत्येक को 'जजिया' कर (गैर-मुसलमानों द्वारा सुरक्षा और अपने धर्म का पालन करने के अधिकार के बदले में मुस्लिम शासकों को दिया जाने वाला कर) के रूप में 5 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है.
राजनयिक फेरबदल
दुर्गा पूजा 9 अक्टूबर से है जिसके चलते सूत्रों ने कहा कि चिंताजनक रूप से बड़ी संख्या में समितियां टैक्स के कारण पहले से ही पूजा के आयोजन से पीछे हट गई थीं. मामले से परिचित लोगों ने बताया कि घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया जब देश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को एक बड़े राजनयिक फेरबदल में पड़ोसी भारत के राजदूत सहित पांच दूतों को वापस बुलाने की घोषणा की. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, विदेश मंत्रालय ने ब्रुसेल्स, कैनबरा, लिस्बन, नई दिल्ली में दूतों और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन को राजधानी ढाका लौटने का आदेश