ईरान ने अमेरिका को दी 100GB ईमेल डेटा लीक करने की धमकी, US में मची खलबली; समझें पूरा मामला

ईरान समर्थित हैकर समूह 'रॉबर्ट' ने दावा किया है कि उसके पास ट्रंप के करीबियों के 100GB से अधिक ईमेल का डेटा है जिसे वह सार्वजनिक रूप से लीक कर सकता है. इस डेटा में व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ, ट्रंप के वकील, सलाहकार और स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़ी जानकारी शामिल बताई जा रही है. अमेरिका में इस खुलासे से साइबर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है.;

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर साइबर हमले के तूफान में फंसते नजर आ रहे हैं. ईरान से जुड़े एक हैकर समूह 'रॉबर्ट' ने दावा किया है कि उसने ट्रंप और उनके करीबी सहयोगियों की 100GB से अधिक ईमेल हैक कर ली हैं. हैकर्स का कहना है कि वे इन जानकारियों को या तो सार्वजनिक करेंगे या बेचने के लिए तैयार हैं.

इस कथित साइबर हमले में ट्रंप की चीफ ऑफ स्टाफ सूज़ी वाइल्स, वकील लिंडसे हैलिगन, रणनीतिकार रोजर स्टोन और पॉर्नस्टार स्टॉर्मी डेनियल्स जैसे नाम शामिल हैं, जिनके निजी ईमेल और फाइलें अब "रॉबर्ट" समूह के पास होने का दावा किया गया है.

कौन है हैकर समूह “रॉबर्ट”?

रॉबर्ट नाम से सक्रिय यह हैकर समूह पहले भी 2024 के अमेरिकी चुनाव के दौरान ईमेल लीक कर चुका है. ट्रंप की जीत के बाद उसने ‘रिटायर’ होने की बात कही थी, लेकिन अब ईरान-इज़राइल संघर्ष और अमेरिकी हवाई हमलों के बाद यह फिर सक्रिय हो गया है.

ट्रंप और स्टॉर्मी डेनियल्स का पुराना विवाद फिर चर्चा में

स्टॉर्मी डेनियल्स ने 2018 में दावा किया था कि 2006 में उनका ट्रंप के साथ यौन संबंध रहा था. यह घटना उस समय की है जब ट्रंप का सबसे छोटा बेटा पैदा हुआ था। इसके बदले उन्हें 2016 चुनाव से पहले 1.3 लाख डॉलर चुप रहने के लिए दिए गए थे.

साइबर अटैक पर क्या बोले अमेरिकी अधिकारी?

अमेरिका की अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने इस साइबर हमले को "अमानवीय और खतरनाक" करार दिया है. एफबीआई निदेशक कश पटेल ने व्हाइट हाउस के साथ संयुक्त बयान में कहा, "कोई भी साइबर ब्रीच जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एजेंसी (CISA) ने इस हमले को “डिजिटल प्रोपेगैंडा” बताते हुए कहा, "यह एक सोची-समझी बदनामी अभियान है, जिसे ट्रंप और अमेरिका की सेवा करने वाले ईमानदार अधिकारियों को बदनाम करने के लिए अंजाम दिया गया है.

अमेरिका-ईरान तनाव का असर?

जानकारों का मानना है कि हालिया ईरान-इज़राइल टकराव और उसके जवाब में अमेरिकी एयरस्ट्राइक ने इस हैकर समूह को फिर सक्रिय किया है. इससे पहले ऐसे साइबर हमलों के जरिए राजनीतिक दबाव और अफवाहों की रणनीति अपनाई जाती रही है.

क्या सामने आएंगे ईमेल?

अब बड़ा सवाल यही है कि क्या "रॉबर्ट" समूह सच में ये फाइलें सार्वजनिक करेगा या यह महज एक राजनीतिक साइबर युद्ध का हिस्सा है? अभी तक ईमेल्स की कोई वैधता प्रमाणित नहीं हुई है, लेकिन अमेरिकी एजेंसियां जांच में जुट चुकी हैं.

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