खाद्य सुरक्षा और क्लाइमेट चेंज पर फोकस, अफ्रीका को मिला साथ... G20 शिखर सम्मेलन में क्या बोले पीएम मोदी- 10 Pointers
G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेतृत्व की नई दिशा दिखाई. जोहान्सबर्ग में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और कौशल विकास पर सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया. उन्होंने भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अपनाए गए डेक्कन सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया को विकास की नई परिभाषा अपनानी होगी—जो समावेशी और टिकाऊ हो.;
दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भारत की आवाज़ पहले से कहीं अधिक बुलंद सुनाई दी. G20 शिखर सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को संदेश दिया कि वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए किसी एक देश की नहीं, बल्कि सामूहिक कार्रवाई की ज़रूरत है. खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर पीएम मोदी ने ऐसा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो न सिर्फ विकासशील देशों बल्कि पूरी मानवता को दिशा दे सकता है.
मोदी ने स्पष्ट कहा- अफ्रीका की प्रगति के बिना विश्व की प्रगति अधूरी है. भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों का जिक्र करते हुए उन्होंने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाए जाने को गर्व का क्षण बताया. जलवायु अनुकूलन, तकनीक सहयोग और कौशल विकास पर भारत के विज़न ने यह साबित कर दिया कि भारत आज वैश्विक नेतृत्व की पहली कतार में खड़ा है.
PM Modi के संबोधन की 10 बड़ी बातें
- खाद्य सुरक्षा और जलवायु एजेंडा पर सामूहिक कार्रवाई: मोदी ने दुनिया को चेताया कि जलवायु परिवर्तन, खाद्य संकट को जन्म दे रहा है. सभी देशों को मिलकर समाधान खोजना होगा ताकि हर नागरिक को सुरक्षित और सस्ता भोजन मिल सके.
- डेक्कन सिद्धांतों पर भारत का जोर: भारत की अध्यक्षता में विकसित Deccan Principles on Food Security को एक मॉडल बताया, जो कृषि, जल, और जलवायु को एक सतत ढांचे में जोड़ता है.
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण में वैश्विक सहयोग: उन्होंने DRRWG (Disaster Risk Reduction Working Group) को आगे बढ़ाने की सराहना की और कहा, “आपदा से पहले तैयारी, आपदा के बाद राहत से अधिक प्रभावी है.”
- CDRI के साथ साझेदारी का आह्वान: CDRI (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure) को वित्त, तकनीक और कौशल विकास जुटाने का अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म बनाया जाए — ऐसा आग्रह किया.
- वैश्विक विकास मापदंडों पर पुनर्विचार: उन्होंने कहा, GDP ही विकास का पैमाना नहीं, आम नागरिक की खुशहाली और समावेशी विकास असली लक्ष्य है.
- इंटीग्रल ह्यूमैनिज़्म = विकास की नई सोच: भारत की सभ्यतागत विचारधारा को उजागर करते हुए कहा, Integral Humanism यानी मनुष्य-केंद्रित और प्रकृति-समन्वित विकास मॉडल दुनिया को आगे बढ़ने की सही राह देता है.
- पारंपरिक ज्ञान भंडार की वैश्विक पहल: PM मोदी ने प्रस्ताव दिया, “G20 Global Traditional Knowledge Repository”
- ताकि भारत सहित कई देशों की चिकित्सा, खेती और जीवन-पद्धति का ज्ञान मानवता के हित में संजोया जा सके.
- अफ्रीका के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता: पीएम ने स्पष्ट कहा, “अफ्रीका की प्रगति = विश्व की प्रगति”, भारत हमेशा अफ्रीका के साथ खड़ा रहा है और आगे भी रहेगा.
- अफ्रीकी संघ को G20 स्थायी सदस्य बनाने पर गर्व: मोदी ने इसे इतिहास का बड़ा मोड़ बताया, यह ‘Global South’ की आवाज़ को केंद्र में लाने की सबसे बड़ी पहल है.
- G20–Africa Skill Partnership का प्रस्ताव: अगले 10 वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करने का लक्ष्य रखा ताकि महाद्वीप की युवा शक्ति को वैश्विक अवसर मिल सकें.