कैश, टिकट और बाय-बाय! ट्रंप का सॉफ्ट टच डिपोर्टेशन प्लान, यूएस सरकार पर चार छात्रों ने कर दिया केस
डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया सेल्फ-डीपोर्टेशन प्रोग्राम प्रस्तावित किया है, जिसमें अवैध अप्रवासियों को पैसे और विमान टिकट देकर देश छोड़ने के लिए कहा जाएगा. ट्रंप ने संकेत दिया है कि "अच्छे" प्रवासियों को भविष्य में कानूनी रूप से वापस आने का मौका दिया जा सकता है. वहीं, चार अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने प्रशासन पर वीजा रद्द करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया है.;
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जो पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़िया है. एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन एक 'सेल्फ-डीपोर्टेशन प्रोग्राम' शुरू करेगा, जिसमें प्रवासियों को नकद प्रोत्साहन और देश छोड़ने के लिए विमान टिकट दिए जाएंगे. ट्रंप के अनुसार, "हम उन्हें एक स्टाइपेंड देंगे, थोड़ा पैसा और एक हवाई जहाज का टिकट देंगे, और फिर अगर वे अच्छे नागरिक हैं, तो हम उनके साथ काम करेंगे ताकि उन्हें कानूनी रूप से वापस लाया जा सके."
यह रुख ट्रंप के पूर्ववर्ती कड़े इमिग्रेशन रवैये के विपरीत है, जिसमें उन्होंने बार-बार अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने की बात कही थी. हालांकि, इस प्रस्ताव के ब्योरे अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, जैसे कि पात्रता मानदंड क्या होंगे, प्रक्रिया कब शुरू होगी. लेकिन संकेत है कि इस योजना का फोकस आपराधिक रिकॉर्ड वाले अप्रवासियों को निकालने पर होगा, जबकि ‘आदर्श’ अप्रवासियों को वापसी का रास्ता दिया जाएगा.
फिर से मिलेगा मौका
यह योजना अमेरिका के कृषि और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से भी जुड़ी हुई है, जो प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर हैं. ट्रंप ने इशारा किया कि जो लोग इस योजना के तहत देश छोड़ेंगे, उन्हें भविष्य में खेती और होटलों जैसे क्षेत्रों में फिर से काम करने का अवसर दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, “यह किसानों और होटलों के लिए बहुत सुकून देने वाला होगा.”
मैक्सिकन व्यक्ति का दिखाया वीडियो
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप से एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें एक मैक्सिकन व्यक्ति जो पिछले 20 वर्षों से अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है और जिसके बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं, ट्रंप की नीतियों का समर्थन करता दिखा. ट्रंप ने उस व्यक्ति के बारे में कहा, “मैं इस आदमी को देखता हूं और सोचता हूं, यही वो व्यक्ति है जिसे हम रखना चाहते हैं. शायद मैं यह कहने के लिए आलोचना झेलूं, लेकिन मुझे लगता है कि वह खतरे में नहीं है." ट्रंप पहले ही चुनावी वादे कर चुके हैं कि यदि वह दोबारा चुने जाते हैं, तो रिकॉर्ड संख्या में अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करेंगे. साथ ही, उनके प्रशासन की तरफ से पहले भी प्रवासियों को "खुद से हटने" की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया है.
चार छात्रों ने ट्रंप प्रशासन पर किया केस
वहीं दूसरी ओर, ट्रंप प्रशासन को लेकर विवाद भी गहराता जा रहा है. मिशिगन की चार पब्लिक यूनिवर्सिटीज़ के छात्रों, जिनमें भारत के चिन्मय देओरे भी शामिल हैं उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि प्रशासन ने अवैध तरीके से उनका स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेटस समाप्त कर दिया, जिससे उन्हें डिपोर्ट होने का खतरा पैदा हो गया है.
मांगी गई इमरजेंसी स्टे
इन छात्रों का कहना है कि अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने बिना पर्याप्त सूचना और स्पष्टीकरण के उनके एफ-1 वीजा को SEVIS डेटाबेस में अचानक रद्द कर दिया. उन्होंने अदालत से अपील की है कि उनका स्टेटस पुनः बहाल किया जाए ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और हिरासत या निर्वासन के जोखिम से बच सकें. यह मुकदमा अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ऑफ मिशिगन की सहायता से दायर किया गया है और इसमें छात्रों की तत्काल रक्षा के लिए एक इमरजेंसी स्टे की भी मांग की गई है.