पाकिस्तान के भीतर एक बड़े प्रशासनिक पुनर्गठन की चर्चा गर्म है, जिसमें चार पारंपरिक प्रांतों, पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान, को 12 छोटे प्रांतों में बांटने की तैयारी बताई जा रही है. माना जा रहा है कि यह कदम बढ़ते गृहयुद्ध जैसे हालात, बलूच विद्रोह, सत्ता संघर्ष और चीन के CPEC हितों की सुरक्षा से जुड़ा हो सकता है. इसी मुद्दे पर Stte Mirror Hindi के एडिटर इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान ने 11 दिसंबर 2025 को भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जे.एस. सोढ़ी से खास बातचीत की. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान को स्थिर करने से ज्यादा उसे और राजनीतिक रूप से कमजोर कर सकता है, जबकि भारत के लिए सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर नए समीकरण पैदा करेगा.