भारत-बांग्लादेश सीमा के हाकिमपुर बॉर्डर पर अचानक बड़ी संख्या में बांग्लादेशी प्रवासी अपने परिवारों और सामान के साथ भारत छोड़कर वापस लौटते दिख रहे हैं. यह स्थिति कई प्रश्न खड़े करती है-क्या यह SIR (Special Intensive Revision) अभियान का असर है, जिसमें मतदाता सूची की गहन जांच हो रही है? क्या गैर-कानूनी प्रवासियों में डर बढ़ गया है? BJP इसे 'बड़े पैमाने पर घुसपैठ का सबूत' कह रही है, जबकि TMC इसे 'बैकडोर NRC' का आरोप लगाकर हमला कर रही है. इसके बीच गरीब भारतीय नागरिक भी दस्तावेज़ जांच की प्रक्रिया में फंसते दिख रहे हैं. BSF, जिला प्रशासन, राजनीतिक पार्टियां और सामाजिक संगठन—सभी अपने-अपने नैरेटिव पेश कर रहे हैं. यह मुद्दा अब तेजी से 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा राजनीतिक फ्लैशपॉइंट बन रहा है, जहां सुरक्षा, पहचान, वोट बैंक और माइग्रेशन पॉलिटिक्स आमने-सामने हैं.