क्या आकाश आनंद का राजनीतिक करियर अब हो जाएगा बर्बाद? मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को बनाया कसूरवार; जानें कौन
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार, 2 मार्च को बड़ा फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. मायावती ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया और उनके स्थान पर राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और आकाश के पिता आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी है.;
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार, 2 मार्च को बड़ा फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. मायावती ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया और उनके स्थान पर राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और आकाश के पिता आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी है. इस फैसले के बाद मायावती ने साफ कहा, 'जब तक मैं जिंदा हूं, मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा.'
इसके साथ ही, मायावती ने पूर्व सांसद और आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक सिद्धार्थ पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे और बीएसपी को कमजोर करने की साजिश रच रहे थे. मायावती ने यह तक कहा कि आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को बर्बाद करने के लिए अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार हैं. हालांकि, मायावती पहले ही उन्हें पार्टी से बाहर कर चुकी थीं. तो आइए इस खबर में जानते हैं अशोक सिद्धार्थ के बारे में जिनकी वजह से मायावती ने आकाश आनंद का रूठ गई हैं.
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ
कभी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कद्दावर नेता रहे अशोक सिद्धार्थ को मायावती का बेहद करीबी माना जाता था. मायावती के भतीजे आकाश आनंद की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई है. अशोक सिद्धार्थ का मायावती से इतना घनिष्ठ संबंध था कि उन्होंने न केवल उन्हें बसपा की टिकट पर राज्यसभा सांसद बनाया, बल्कि पार्टी में कई अहम और बड़ी जिम्मेदारियां भी सौंपी थीं.
अशोक सिद्धार्थ का राजनीतिक सफर
अशोक सिद्धार्थ का जन्म 5 फरवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज में हुआ था. उनके पिता बसपा संस्थापक कांशीराम के बेहद करीबी थे, और पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए अशोक सिद्धार्थ ने भी बसपा की राजनीति में कदम रखा.
ऐसा कहा जाता है कि अशोक सिद्धार्थ को राजनीति में लाने का श्रेय स्वयं मायावती को जाता है. मायावती के कहने पर ही उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया और बसपा में शामिल होकर संगठन और पार्टी के आंदोलनों से जुड़ गए. इसके अलावा, अशोक सिद्धार्थ मायावती के भाई आनंद कुमार के भी करीबी मित्र माने जाते थे.