कोई नहीं होगा उत्तराधिकारी... मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया, भाई आनंद कुमार को बनाया नेशनल कोऑर्डिनेटर

बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया. 2027 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में बड़ा बदलाव किया गया है. मायावती ने संगठन मजबूत करने के लिए 1028 प्रभारी नियुक्त किए, 403 विधानसभा सीटों पर 2-2 प्रभारी तैनात किए गए हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 2 March 2025 2:08 PM IST

लखनऊ में हुई बसपा प्रमुख मायावती की एक अहम बैठक में उनके भतीजे आकाश आनंद पर कड़ा फैसला लिया गया. मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है, जिससे पार्टी में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. खबरों के मुताबिक, इस बैठक से पहले 25 फरवरी को भी मायावती ने पदाधिकारियों के साथ अलग से मीटिंग की थी, जिसमें उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की. उनका फोकस 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव पर है, जिसके लिए वह कई बड़े निर्णय लेने जा रही हैं.

यह फैसला अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन के बाद आया है, जो आकाश आनंद के ससुर हैं. पार्टी में यह बदलाव 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले एक नए सियासी समीकरण की ओर इशारा कर रहा है. वहीं, मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है.

मेरे रहते कोई नहीं होगा उत्तराधिकारी

मायावती ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब उनके रहते हुए पार्टी में कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी और मूवमेंट के हित सर्वोपरि हैं, रिश्ते-नाते कोई मायने नहीं रखते. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि जब तक वे जीवित हैं, तब तक पूरी निष्ठा और ईमानदारी से बसपा को आगे बढ़ाने का प्रयास करती रहेंगी. इस बैठक में उन्होंने पार्टी की कमजोरियों की समीक्षा करते हुए आगे की रणनीति के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. वहीं, समाजवादी पार्टी की हार का जिक्र करते हुए उन्होंने सपा और भाजपा को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया और कहा कि देश में केवल बसपा ही इन जातिवादी पार्टियों को हरा सकती है.

संगठन स्तर पर की बड़ी नियुक्ति

यह पहली बार है जब बसपा प्रमुख ने संगठन स्तर पर इतनी व्यापक नियुक्तियां की हैं. मायावती ने मंडल से लेकर जिला स्तर तक कुल 1028 प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इसके अलावा, 403 विधानसभा सीटों पर 2-2 प्रभारी तैनात किए गए हैं, जिससे साफ है कि बसपा इस बार चुनाव की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी के इस व्यापक बदलाव को अगले चुनावों में बसपा की रणनीति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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