‘लव जिहाद’ का ऑटो नेटवर्क! 50 हिंदू लड़कियों को फंसाना था इमरान का मिशन, अश्लील वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल

मथुरा में एक ऑटो चालक इमरान ने फर्जी हिंदू पहचान बनाकर 50 हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने की साजिश रची. अभी तक 23 युवतियों को ब्लैकमेल कर चुका था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल से कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं. मामला धार्मिक छल, साइबर अपराध और सामाजिक विश्वासघात से जुड़ा है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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मथुरा में मछली मंडी क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें इमरान नामक ऑटो चालक ने खुद को ‘हिंदू युवक’ बताकर लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाया. पुलिस के अनुसार, वह नाम बदलकर पहले लड़कियों से दोस्ती करता और फिर निजी पलों को वीडियो में कैद कर ब्लैकमेलिंग का हथियार बनाता था. यह मामला न केवल आपराधिक है, बल्कि धार्मिक छल और सामाजिक विश्वास के साथ विश्वासघात का प्रतीक बन चुका है.

इमरान सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर लड़कियों से संपर्क बनाता था. एक बार भरोसा जीतने के बाद वह लड़कियों को मिलने बुलाता और फिर गुप्त कैमरे या मोबाइल से प्राइवेट मूमेंट को रिकॉर्ड कर लेता. पुलिस ने जब उसका मोबाइल जब्त किया, तो कई आपत्तिजनक वीडियो मिले, जिनमें से कई में युवतियों की पहचान भी की जा चुकी है.

50 का ‘लक्ष्य’, 23 शिकार पहले ही बन चुकीं

जानकारी के अनुसार, इमरान का एक स्पष्ट ‘टारगेट’ था 50 हिंदू लड़कियों को फंसाने का. अभी तक लगभग 23 युवतियों को अश्लील वीडियो बनाकर वह ब्लैकमेल कर चुका है. ये बात उसने अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर भी लगाया था. ये आंकड़ा तब सामने आया जब हिंदू संगठनों ने पुलिस को सबूतों के साथ मामले की जानकारी दी. संगठनों का दावा है कि यह सुनियोजित लव जिहाद का हिस्सा है.

जिहादी सोच या साइकोलॉजिकल गेम?

इस मामले को लेकर विवाद भी बढ़ गया है कि क्या इमरान का उद्देश्य धर्मांतरण था या यह सिर्फ एक बीमार मानसिकता का मामला है? हालांकि हिंदू रक्षा दल इसे लव जिहाद करार दे रहा है, लेकिन पुलिस फिलहाल इसे साइबर अपराध, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के तहत जांच रही है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सामाजिक तनाव को टालने के लिए अधिकारियों ने इलाके में निगरानी भी बढ़ा दी है.

डिजिटल रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच

मथुरा पुलिस ने इमरान को आईपीसी की कई धाराओं, आईटी एक्ट, और धर्म छुपाकर विश्वासघात करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. उसके मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट और डिजिटल रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच चल रही है. पुलिस की टीम यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या इमरान के पीछे कोई नेटवर्क या गिरोह काम कर रहा था.

युवतियों की सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने समाज में एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है- क्या लड़कियां डिजिटल युग में खुद को सुरक्षित मान सकती हैं? सोशल मीडिया पर बिना सत्यापन के रिश्ते बनाना कितना खतरनाक हो सकता है, यह घटना उसका उदाहरण है. मथुरा की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि युवतियों और उनके परिवारों के लिए एक चेतावनी भी है कि प्रेम में पड़ने से पहले पहचान और मंशा को परखना बेहद जरूरी है.

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