25 तक 4-5 जगह मुंह मार लेगी....बुरे फंसे अनिरुद्धाचार्य; उठे सवाल- खुद की शादी किस उम्र में की?
वृंदावन-मथुरा के प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज इन दिनों भयंकर विवादों में घिर गए हैं. एक पुरानी कथा में उन्होंने कहा था, '25 साल तक की लड़कियां चार-पांच जगह मुंह मार चुकी होती हैं' और 'लड़कियों की शादी 14 साल में कर देनी चाहिए.' इस बयान से आग बबूला हिंदू महासभा की आगरा जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने मथुरा कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. अब 1 जनवरी 2026 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.;
उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में रहने वाले प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज इन दिनों फिर विवादों में हैं. उनके एक पुराने कथा के दौरान दिए गए बयान कि '25 साल तक की लड़कियां चार-पांच जगह मुंह मार चुकी होती हैं' और 'लड़कियों की शादी 14 साल की उम्र में कर देनी चाहिए' पर हिंदू महासभा की आगरा जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने शिकायत की थी. मथुरा कोर्ट ने इस शिकायत को स्वीकार कर लिया है और मामले की अगली सुनवाई 1 जनवरी 2026 को होगी.
इस विवाद के बाद अब लोगों का ध्यान स्वामी की निजी जिंदगी पर भी जा रहा है. वे हमेशा अपने परिवार की बातें सार्वजनिक मंचों से दूर रखते हैं, इसलिए बहुत से भक्तों को यह भी नहीं पता कि उनकी शादी कब और किससे हुई. स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कभी अपनी शादी की तारीख या जगह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की. इसलिए सटीक साल या तारीख बताना मुश्किल है. लेकिन उनके दो बेटे अब बड़े हो चुके हैं बड़ा बेटा ओम तिवारी और छोटा बेटा शिवू तिवारी. दोनों बच्चे किशोर अवस्था में हैं. इससे अंदाजा लगाया जाता है कि उनकी शादी कम से कम 18-20 साल पहले हो चुकी होगी, यानी जब वे खुद 18-20 साल के आसपास रहे होंगे.
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पत्नी का नाम और पहचान
स्वामी जी की पत्नी का नाम श्रीमती आरती दूबे तिवारी है. भक्त उन्हें प्यार और सम्मान से 'गुरु मां' या 'गौरी गोपाल मां' कहकर बुलाते हैं. गुरु मां खुद भी बहुत आध्यात्मिक हैं. वे बहुत सुंदर भजन गाती हैं और राधा-कृष्ण की बड़ी भक्त हैं. सोशल मीडिया पर वे काफी सक्रिय रहती हैं और पति, बच्चों और गौरी गोपाल वृद्धाश्रम की तस्वीरें-वीडियो डाला करती हैं. गुरु मां ने मनोविज्ञान विषय में पीएचडी भी की है. स्वामी जी ने खुद कई बार बताया है कि उन्होंने आरती जी की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाया और मां बनने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी, जिसमें स्वामी जी ने पूरा साथ दिया.
महाराज के दो बेटे हैं
अनिरुद्धाचार्य महाराज के दो बेटे हैं बड़ा बेटा ओम तिवारी और छोटा बेटा शिवू तिवारी. अक्सर हंसते हुए छोटे बेटे शिवू की बचपन की बातें बताते हैं कि जब शिवू सिर्फ एक साल का था, तब वे खुद दिन-रात उसकी देखभाल करते थे, दूध पिलाते थे, लोरी सुनाते थे. अनिरुद्ध राम तिवारी (लोग दास अनिरुद्ध भी कहते हैं) उनका जन्म 27 सितंबर 1989, मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ. उनके पिता मंदिर के पुजारी थे. महाराज ने हाई स्कूल तक पढ़ाई की है. अब वे वृंदावन में प्रसिद्ध 'गौरी गोपाल वृद्धाश्रम' चलाते हैं और लाखों-करोड़ों लोग उनकी सरल और भावपूर्ण कथा सुनने आते हैं.