बिजारानी ब्रदर्स का बड़ा खेल, सरकार की ‘स्मार्ट सिटी’ के नाम पर सुपर फ्रॉड! 70 हजार लोगों से ठग लिए 2,676 करोड़

दोनों भाईयों ने देशभर के लोगों को यह कहकर अपनी बातों में फंसाया कि 'उनके पास धोलेरा में हमारी 1,300 बीघा ज़मीन है. इसमें वर्ल्ड क्लास शहर बनने वाला है. अभी निवेश करें, तो भारी रिटर्न मिलेगा.' इसके साथ ही उन्होंने फ्लैट्स, प्लॉट्स और स्मार्ट सिटी की 4डी तस्वीरें दिखाई.;

( Image Source:  Freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 15 Jun 2025 4:54 PM IST

राजस्थान के सीकर जिले के दो भाई सुभाष बिजारानी और रणवीर बिजारानी ने एक ऐसा सपना बुना, जिसे सुनकर कोई भी आम इन्वेस्टर मोहित हो जाए. उन्होंने दावा किया कि वे गुजरात के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट धोलेरा स्मार्ट सिटी में निवेश के सुनहरे अवसर ला रहे हैं. इस सपने को बेचने के लिए उन्होंने बनाई 'नेक्सा एवरग्रीन' नाम की एक कंपनी बनाई, जो खुद को इस मेगा प्रोजेक्ट का हिस्सा बताती थी.

रणवीर बिजारानी ने 2014 में धोलेरा में ज़मीन खरीदकर शुरुआत की. उनके भाई सुभाष भारतीय सेना से रिटायर हुए थे. उन्होंने रिटायरमेंट फंड (करीब 30 लाख रुपये) से ज़मीन खरीदी. फिर दोनों ने 2021 में अहमदाबाद में नेक्सा एवरग्रीन कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया. यहीं से शुरू हुआ एक मल्टी लेवल धोखाधड़ी मॉडल, जिसमें एमएलएम की तर्ज पर निवेशकों को फंसाया गया.

ज़मीन, रिटर्न और रिवॉर्ड का वादा

दोनों भाईयों ने देशभर के लोगों को यह कहकर अपनी बातों में फंसाया कि 'उनके पास धोलेरा में हमारी 1,300 बीघा ज़मीन है. इसमें वर्ल्ड क्लास शहर बनने वाला है. अभी निवेश करें, तो भारी रिटर्न मिलेगा.' इसके साथ ही उन्होंने  फ्लैट्स, प्लॉट्स और स्मार्ट सिटी की 4डी तस्वीरें दिखाई. इस स्कैम में रेफ़र करने पर कमीशन,  कुछ निवेश स्तरों पर लैपटॉप, बाइक, कार और सबसे ऊपर तेज़ रिटर्न का झांसा दिया गया. 

2,676 करोड़ रुपये की ठगी

देशभर में इस योजना ने आग की तरह फैलना शुरू कर दिया. झुंझुनू, सीकर, जयपुर से लेकर दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र तक के लोग जुड़ते चले गए. नेक्स एवरग्रीन ने दावा किया कि वे धोलेरा स्मार्ट सिटी का हिस्सा हैं, जबकि असल में उनका उससे कोई वास्ता नहीं था. 70,000 से अधिक लोगों से कुल 2,676 करोड़ रुपये ठगे. मोटा कमीशन, फर्जी कंपनियां और आलीशान खरीदारी रणवीर और सुभाष ने सलीम खान, समीर, दातार सिंह, रक्षपाल, ओमपाल और सांवरमल जैसे अपने विश्वासपात्रों को टॉप लेवल पर नियुक्त किया. राजस्थान में हजारों एजेंट बनाए गए जिन्हें 1,500 करोड़ रुपये तक का कमीशन बांटा गया.

ठगी से खरीदी ये चीजें

बचे हुए पैसे से उन्होंने 1,300 बीघा ज़मीन, गोवा में 25 रिसॉर्ट, अहमदाबाद में फ्लैट्स और गोदाम, राजस्थान में लग्ज़री कारें, होटल और खदानें और 250 करोड़ रुपये नकद निकाले गए. बाकी पैसा 27 फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया. फिर गायब हो गए सभी और खुला घोटाले का पर्दाफाश. जब निवेशकों ने पैसा वापस मांगना शुरू किया, तो Nexa Evergreen के दफ्तरों के दरवाज़े बंद मिले.

कंपनी के संस्थापक और अधिकारी गायब हो गए

जोधपुर में दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मामला, और गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जयपुर, सीकर, झुंझुनू और अहमदाबाद में 25 ठिकानों पर छापे मारे. दिलचस्प बात यह है कि धोलेरा स्मार्ट सिटी असल में एक वैध और महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह केंद्र और गुजरात सरकार की साझेदारी में 2042 तक पूरा होना है. यह दिल्ली से दोगुना बड़ा क्षेत्र है, जहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट और एमएनसी के लिए हब बनाने का प्लान है.


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