'ऑन डिमांड परीक्षा' से बदलेगा सिस्टम, फेल छात्र नहीं होंगे सालभर लाचार, शिक्षक दिवस पर शिक्षा मंत्री ने दिया तोहफा

शिक्षक दिवस के मौके पर राजस्थान के विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बड़ा तोहफ़ा दिया है. अब पढ़ाई का सिस्टम बदलने जा रहा है, क्योंकि शुरू हुआ है ‘ऑन डिमांड परीक्षा प्रोग्राम’. इस व्यवस्था से असफल हुए छात्रों को सालभर इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा.;

( Image Source:  x-@madandilawar )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 5 Sept 2025 8:14 PM IST

शिक्षक दिवस हमेशा से गुरुजनों के सम्मान और शिक्षा के नए संकल्पों का दिन माना जाता है. इस बार राजस्थान में यह दिन खास रहा क्योंकि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शामिल हुए. यहां उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित किया और शिक्षा जगत को कई नई सौगातें भी दीं.

अपने संबोधन में मदन दिलावर ने सबसे पहले राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था की प्रगति पर बात की. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा सर्वेक्षण में राजस्थान ने बड़ी छलांग लगाई है. पहले राज्य 11वें स्थान पर था और अब तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. यह सफलता शिक्षकों और विद्यार्थियों की मेहनत के साथ-साथ शिक्षा विभाग की योजनाओं का भी नतीजा है. साथ ही, उन्होंने 'ऑन डिमांड परीक्षा प्रोग्राम' का एलान किया. 

अब होगी 'ऑन डिमांड परीक्षा' 

इस समारोह में सबसे बड़ी खुशी विद्यार्थियों को मिली. शिक्षा मंत्री ने ‘ऑन डिमांड परीक्षा प्रोग्राम’ की शुरुआत की. इस व्यवस्था से अब छात्र अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर कोई छात्र परीक्षा में असफल हो जाता है, तो उसे पूरे साल इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. वह तुरंत दोबारा परीक्षा देकर अगली कक्षा में प्रवेश पा सकेगा.

100 विद्यार्थी देंगे परीक्षा

कार्यक्रम के पहले चरण में जयपुर, उदयपुर और बीकानेर को परीक्षा केंद्र बनाया गया है. यहां रोज़ाना 100 विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे. इससे छात्रों का समय बचेगा और वे जल्दी अपने करियर का फैसला कर पाएंगे. इस पहल से बच्चों के मन से असफलता का डर भी कम होगा.

‘प्रखर राजस्थान 2.0’ – पढ़ने की नई दिशा

 शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों के लिए एक और बड़ा अभियान शुरू किया है – ‘प्रखर राजस्थान 2.0’। यह 90 दिन का कार्यक्रम है, जो कक्षा 3 से 8 तक के कमजोर बच्चों पर खास ध्यान देगा. इसका मकसद बच्चों की भाषा समझ और पढ़ने की क्षमता को बेहतर बनाना है. शुरुआत में बच्चों का टेस्ट एआई आधारित ‘ओआरएफ’ (ओरल रीडिंग फ्लुएंसी) तकनीक से लिया गया. इस तकनीक से पता चलेगा कि बच्चा किस स्तर पर है और उसे कहां सुधार की ज़रूरत है. यह अभियान न सिर्फ पढ़ाई आसान बनाएगा, बल्कि बच्चों की बुनियादी शिक्षा को भी मज़बूत करेगा.

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