बुड़ैल जेल में खोदा सुरंग, आतंकियों को भागने में की मदद... सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाला कौन?

Narain Singh Chaura: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला किया गया. उन्हें नारायण सिंह चौरा ने जान से मारने की कोशिश की. आइए आपको बताते हैं नारायण सिंह चौरा कौन है...;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 4 Dec 2024 2:47 PM IST

Who is Narain Singh Chaura:  पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को 4 दिसंबर को गोली मारने की कोशिश की गई. हालांकि, वे इस हमले में बाल-बाल बच गए. यह हमला उस समय हुआ, जब बादल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवादार के रूप में अपनी सजा को काट रहे थे.

सुखबीर सिंह बादल को राम रहीम को माफी देने और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेहदबी मामले में अकाल तख्त साहिब की ओर से सजा सुनाई गई है. वे स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवाएं दे रहे थे, तभी 68 साल के नारायण सिंह चौरा ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की. आइए जानते हैं कि नारायण सिंह चौरा कौन है...

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कौन है नारायण सिंह चौरा?

नारायण सिंह चौरा आतंकवादी है. कई बड़े मामलों में उसका नाम सामने आ चुका है. पुलिस ने उसे पकड़ लिया है. वह गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक के चौरा गांव के वार्ड नंबर 3 का रहने वाला है. उसन आतंकवादियों को जेल से भागने में मदद की थी.

आतंकियों की भागने में की मदद

बताया जाता है कि नारायण सिंह चौरा ने जनवरी 2004 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े आतंकियों जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भेओरा, जगतार सिंह तारा और देवी सिंह को बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी. ये सभी पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी है. सभी जेल में 94 फुट लंबी सुरंग बनाकर फरार हो गए थे.

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नारायण सिंह चौरा को मिली जमानत

नारायण सिंह चौरा को बेअंत सिंह की हत्या के दोषियों को जेल से भागने में मदद करने के मामले में जमानत मिल गई, जिसके बाद उसने कोर्ट में पेश होना बंद कर दिया. इसके बाद अक्टूबर 2011 में उसे घोषित अपराधी करार दे दिया गया. बाद में 2013 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

कई मामलों में वान्टेड है नारायण सिंह चौरा

नारायण सिंह के खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन थाने में विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 और 5 के साथ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA की धारा 3,4 और 5 के तहत मामला दर्ज हुआ था. एक स्थानीय अदालत ने उसे साल 2018 में बरी कर दिया. वह कई मामलों में वान्टेड था.

पाकिस्तान से जुड़े तार

चौरा के तार पाकिस्तान से भी जुड़े रहे हैं. यहां वह हथियारों की तस्करी में शामिल रहा. वह पाकिस्तान से हथियार लेकर पंजाब आता था. जब वह गिरफ्तार नहीं हुआ था तो उस पर 10 लाख रुपये का इनाम पुलिस ने रखा था.

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