पराली जलाने वालों की खैर नहीं! पंजाब-हरियाणा के लिए सख्त निर्देश, सरकार ने बनाया प्लान
सरकार ने पंजाब और हरियाणा के आठ जिलों के लिए पराली जलाने से संबंधि निर्देश जारी किया है. सरकार ने एयर पल्यूशन से निपटन के लिए एक्शन प्लान को सख्ती से लागू करने को कहा है. उल्लंघन करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा.;
Action On Stubble Burning: दिल्ली-एनसीआर में हर साल पराली के धुएं की वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है. जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. पंजाब-हरियाणा में विशेष रूप से किसान पराली जलाते हैं. इस बीच सरकार ने सभी राज्यों के लिए पराली को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है.
सोमवार (23 सितंबर) को प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. पी के मिश्रा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस मीटिंग में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव भी शामिल हुए, जिन्हें निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने एयर पल्यूशन से निपटन के लिए एक्शन प्लान को सख्ती से लागू करने को कहा है. उल्लंघन करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा.
पराली को लेकर निर्देश
डॉ. पी के मिश्रा ने कहा, सर्दियों में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है. इससे निपटने के लिए सही समय पर और कड़ाई से ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू करना जरूरी है. बैठक में एनसीआर रीजन के राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि वे इस क्षेत्र में अपनी ई-बस सर्विस को बेहतर करें. इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
पंजाब और हरियाणा पर फोकस
बीते साल पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है. सरकार ने दोनों राज्यों के आठ जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ती संख्या को देखते हुए निर्देश जारी किया है. जानकारी के अनुसार साल 2022 की तुलना में साल 2023 में पंजाब में पराली जलाने की 27 फीसदी घटनाएं और हरियाणा में 37 फीसदी घटनाएं कम हुई हैं. लेकिन आठ जिलों में स्थिति अभी भी खराब है. इसलिए सरकार ने विशेष निर्देश जारी किया है.
मशीनों की व्यवस्था
बैठक में बताया गया कि हरियाणा पंजाब में डेढ़ लाख से अधिक क्रॉप रेजिड्यू मैनेजमेंट मशीनें उपलब्ध होंगी. वहीं हरियाणा में 90 हजार 945 मशीनें होंगी. साथ ही 20 लाख टन पराली पूरे एनसीआर रीजन में 11 थर्मल प्लांट्स लगाएं जाएंगे. इसके अलावा इंडस्ट्रियल पल्यूशन के लिए एसीआर में 240 में से 220 इंडस्ट्रियल एरिया में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर लग चुका है. बाकी इलाकों में भी इसे जल्द लगाया जाएगा. आपको बता दें कि 500 स्क्वेटर मीटर से अधिक के प्रोजेक्ट्स के लिए इस कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन से होने वाले डस्ट पल्यूशन पर एक वेब पोर्टल के जरिए नजर रखना अनिवार्य कर दिया है.