इलाज कराने में मिलेगी बड़ी राहत, पंजाब सरकार ने मेडिकल बिलों को लेकर किया बड़ा फैसला
पंजाब सरकार ने राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फैसला लिया है. उनके मेडिकल बिलों में कमरे के लिए किराए में बढ़ोतरी की है. यानी अब मेडिकल बिलों का मुआवजा AIIMS नई दिल्ली की दरों के मुताबिक ही दिया जाएगा. मान सरकार का यह फैसला 1 दिसंबर 2023 से लागू है.;
Punjab Government: पंजाब सरकार प्रदेश की जनता के लिए लगातार नए-नए फैसले ले रही है. दीवाली से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के लोगों को सौगात दे रहे हैं. अब उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़ा एलान कर दिया है.
पंजाब सरकार ने राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फैसला लिया है. उनके मेडिकल बिलों में कमरे के लिए किराए में बढ़ोतरी की है. यानी अब मेडिकल बिलों का मुआवजा AIIMS नई दिल्ली की दरों के मुताबिक ही दिया जाएगा.
कब से लागू होगा फैसला?
मान सरकार का यह फैसला 1 दिसंबर 2023 से लागू है. जिसके तहत पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किए गए हैं. निर्देश के मुताबिक राज्य के गजट और नॉन गजट अधिकारियों के लिए कमरे और आईसीयू के किराए की दरों में बदलाव किया गया है. अब गजट अधिकारियों के लिए कमरे का किराया 6000 रुपये प्रतिदिन होगा. वहीं आईसीयू का 7000 रुपये प्रतिदिन होगा.
नॉन गजट अधिकारियों के लिए एलान
मेडिकल बिलों में नए बदलाव के बाद नॉन गजट अधिकारियों एक दिन के कमरे के लिए 3 हजार रुपये देने होंगे. वहीं आईसीयू के लिए 4 हजार रुपये का भुगतान करना होगा. मान सरकार ने कहा है कि मेडिकल बिलों का मुआवजा नई दिल्ली एम्स की नई दरों के मुताबिक किया जाएगा. सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वे 1 दिसंबर 2023 बिलों में इन नई दरों का पालन करें.
बुजुर्गों के लिए स्पेशल स्कीम
पंजाब सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के विकास के लिए साड्डे बुजुर्ग साड्डा मान योजना की शुरुआत की. इससे लाखों लोगों को लाभ पहुंच रहा है. इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को इलाज किया जाता है. अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाए जाते हैं. जिसमें विभिन्न कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है.
फरिश्ता योजना से
मान सरकार ने सड़क हादसे का शिकार हुए लोगों के लिए फरिश्ता योजना की शुरुआत की. इससे तहत एक्सीडेंट का शिकार हुए लोगों को अस्तपताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 2000 रुपये की राशि दी जाती है. घायल की मदद के करने वाले व्यक्ति से पुलिस या अस्पताल तब तक कोई पूछताछ नहीं करेगा जब तक वह खुद न चाहे. इससे पुलिस के पहुंचने से पहले ही घायल का समय रहते इलाज को जाता है.