पराली जलाने पर लगेगा ब्रेक! सीएम मान ने लॉन्च की धमाकेदार योजना, इनती मिलेगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह योजना पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना किसानों को फसली अवशेषों के प्रबंधन का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक होगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि मशीनरी पर ऋण की पुनर्भुगतान अवधि पांच साल होगी और यह ऋण 30 जून और 31 जनवरी को वार्षिक 10 अर्धवार्षिक किश्तों में चुकाया जाएगा.;
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पराली जलाने से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों को कंट्रोल करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत पंजाब के सहकारी बैंकों ने 'फसली अवशेष प्रबंधन ऋण योजना' शुरू की है, जो किसानों को फसल के अवशेषों को प्रबंधित करने के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने में मदद करेगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मशीनरी खरीदने के लिए आसान और सुलभ ऋण उपलब्ध कराना है, ताकि पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण को रोक सके. यह योजना पंजाब राज्य सहकारी बैंक चंडीगढ़ और जिला सहकारी बैंकों की 802 शाखाओं में लागू की गई है. सभी किसानों को सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया के माध्यम से इस ऋण योजना का लाभ उठाने का मौका मिलेगा.
कृषि सहकारी सोसायटियों और किसानों के लिए विशेष लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं (पी.ए.सी.) और प्रगतिशील किसान इस योजना के मुख्य लाभार्थी होंगे. इन संस्थाओं को कृषि उपकरण खरीदने पर 80% तक की सब्सिडी मिलेगी, जबकि प्रगतिशील किसानों को बेलर और सुपरसीडर जैसे उपकरणों पर 50% की सब्सिडी दी जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि यह योजना पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मुख्यमंत्री मान ने किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
बायो-एनर्जी और उद्योगों के लिए समर्थन
सीएम ने कहा कि पराली जलाने की वजह से होने वाली प्रदूषण को कम करने के लिए बायो-एनर्जी प्लांट को समर्थन देने के लिए एग्रीकल्चर अवशेष सप्लाई चेन में इंडस्ट्रीज और किसानों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी. मान का कहना है कि इस पहल से बायोमास सप्लाई चेन के माध्यम से बायो-प्लांट उद्योग तक कृषि अवशेषों की पहुंच को सुनिश्चित करके इस प्रदूषण से बचने में मदद करेगी.
सीएम ने कहा कि पराली का उपयोग करने वाले सभी इंडस्ट्रीज के आसपास क्लस्टर बेस्ड आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से सप्लाई चेन स्थापित की जाएगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि मशीनरी पर ऋण चुकाने की अवधि 5 साल रखी गई है, और इसे 10 अर्धवार्षिक किश्तों में चुकाया जा सकेगा.