CM मान के फैसले से प्रदूषण पर लगेगी लगाम, सरकार ने लॉन्च की 'फसल अवशेष प्रबंधन लोन स्कीम'
मान सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन लोन योजना की शुरुआत की है. इससे पराली जलाने के मामलों में कमी आएगी. यह पहल किसानों के खेतों में फसलों के बचे अवशेष के प्रबंधन के लिए शुरू की है. इस स्कीम से धान की पराली को जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि किसान आसान प्रक्रिया के तहत इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.;
Crop Residue Management Loan Scheme: पंजाब सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए अहम फैसला लिया है. सर्दियों में प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. अब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली को लेकर एक और कदम उठाया है.
मान सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन लोन योजना की शुरुआत की है. इससे पराली जलाने के मामलों में कमी आएगी. यह पहल किसानों के खेतों में फसलों के बचे अवशेष के प्रबंधन के लिए शुरू की है.
क्या है योजना?
जानकारी के अनुसार फसल अवशेष प्रबंधन लोन योजना के तहत मान सरकार चंडीगढ़ और जिला सहकारी बैंक की 802 शाखाओं के माध्यम से योजना संचालित करती है. स्कीम के तहत किसान लोन लेकर धान की पराली का प्रबंधन करने के लिए मशीन खरीद सकते हैं.
कितनी मिल रही सब्सिडी?
पंजाब सरकार की इस योजना के जरिए किसान फसलों के मैनेजमेंट के लिए सुपर सीडर और बेलर जैसे उपकरण को कम कीमत पर खरीद सकते हैं. प्रदेश सरकार स्कीम के माध्यम से किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए प्रेरित भी कर रही है. आपको बता दें कि किसानों को स्कीम के अंतर्गत 80 प्रतिशत तक सब्सिडी की सुविधा प्रदान की जाती है.
किसानों को होगा लाभ
सीएम मान ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन लोन योजना के लाभ के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस स्कीम से धान की पराली को जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि किसान आसान प्रक्रिया के तहत इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. जानकारी के अनुसार जो भी किसान या कृषि संस्थाएं स्कीम के तहत लोन लेंगी, उन्हें लोन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया जाएगा.
पराली के खिलाफ कार्रवाई
पंजाब में पराली की समस्या को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया गया है. पराली जलाने से हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है और हवा की गुणवत्ता निचले स्तर पर पहुंच जाती है. पंजाब सरकार का दावा है कि अब प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 50 फीसदी की गिरावट आई है. पराली जलाने वाले 65 किसानों पर 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसमें से 1 लाख 70 हजार रुपये बरामद किए गए हैं. मामले में शामिल सेक्शन 223 के अधीन 6 किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है.