पंजाब में पराली जलाने के मामले में 16 फीसदी गिरावट, मुख्यमंत्री भगवंत मान के फैसले का दिखा असर
पंजाब में पिछले साल की इस अवधि के दौरान 23 अक्टूबर, 2024 तक पराली जलाने के केस 16 फीसदी कम हुए हैं. इस साल 23 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1638 केस सामने आए. जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 1946 घटनाएं हुई थीं. पड़ोसी राज्य की बात करें तो हरियाणा में इस अवधि के दौरान मात्र 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.;
Stubble Burning Cases: पंजाब में पराली जलाने के मामलों पर लगाम लगाने लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया था. जिसका असर अब देखने को मिल रहा है. प्रदेश में ऐसी घटनाओं में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक पंजाब में पराली जलाने के मामले कम होते जा रहे हैं. पिछले साल इस अवधि के दौरान 23 अक्टूबर, 2024 तक पराली जलाने के केस 16 फीसदी कम हुए हैं.
पराली जलाने के कितने मामले?
पंजाब में इस साल 23 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1638 केस सामने आए. जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 1946 घटनाएं हुई थीं. पड़ोसी राज्य की बात करें तो हरियाणा में इस अवधि के दौरान मात्र 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी पंजाब सरकार और कृषक समुदाय के ठोस प्रयासों का प्रमाण है.
सरकार के फैसले का सकारात्मक प्रमाण
कृषि मंत्री ने कहा कि सीआरएम मशीनों के प्रावधान और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति सहित हमारी पहलों से सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि इस साल किसानों को 13,616 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें दी गई हैं, जिससे साल 2018 से अब तक कुल 1.43 लाख मशीनें दी गई हैं. सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए 8 हजार से अधिक नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.
सरकार ने लॉन्च किया ऐप
पंजाब सरकार ने किसानों के लिए उन्नत किसान मोबाइल एप्लीकेशन के लॉन्च किया था. जिससे छोटे किसानों के लिए पराली प्रबंधन मशीनों तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए 1.30 लाख सीआरएम मशीनों को मैप किया. इस साल पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है, जो इस मुद्दे से निपटने के लिए सीएम मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
एक्शन में मान सरकार
पंजाब सरकार पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है. सरकार ने पराली जलाने के मामले में 340 किसानों के खिलाफ चालान जारी किया है. साथ ही 9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से 7.67 लाख रुपये की वसूली की गई है. बता दें कि दिल्ली एनसीआर में पराली की वजह से हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है. जिससे लोगों को खुली हवा में सांस लेने में परेशानी होती है.