'धीरेंद्र शास्त्री को फांसी होनी चाहिए, धर्म की आड़ में करते हैं महिला तस्करी', LU प्रोफेसर ने बागेश्वर बाबा के खिलाफ खोला मोर्चा- Video
डॉ. रविकांत चंदन इससे पहले भी कई बार विवादों का हिस्सा बन चुके हैं. इस बार उन्होंने नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और दावा किया कि धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिलाओं की तस्करी कर रहे हैं. उन्होंने इन आरोपों की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर फांसी देने की मांग की है.;
लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए उनके दो पोस्टों ने राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में खलबली मचा दी है. इन पोस्टों में उन्होंने न केवल केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर भी महिला तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
डॉ. रविकांत चंदन इससे पहले भी कई बार विवादों का हिस्सा बन चुके हैं. इस बार उन्होंने नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और दावा किया कि धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिलाओं की तस्करी कर रहे हैं. उन्होंने इन आरोपों की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर फांसी देने की मांग की है.
सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल
डॉ. रविकांत चंदन ने गुरुवार को दोपहर 2:23 बजे अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि 'नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित छोटा भाई धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है! इसकी गहन जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर धीरेन्द्र को फांसी होनी चाहिए. इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट में भारत-अमेरिका संबंधों पर भी सवाल उठाते हुए लिखा, “पहले भारतीयों के हाथ में हथकड़ी, फिर सीजफायर की धमकी, अब 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माना. मोदी की ट्रंप से दोस्ती की और कितनी कीमत देश चुकाएगा?'
प्रोफेसर का कहना- 'मैं अपने शब्दों पर कायम हूं'
जब उनसे मीडिया ने संपर्क किया तो डॉ. रविकांत ने साफ शब्दों में कहा, 'मैंने पोस्ट किया है और जो मैंने कहा है, उस पर कायम हूं. उनकी इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि वे अपने बयानों को लेकर न तो पछता रहे हैं और न ही सफाई देने के मूड में हैं.
पहले भी विवादों में रहे हैं रविकांत चंदन
डॉ. रविकांत इससे पहले भी विवादों में घिर चुके हैं. दो महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं "संघी विचार" की उपज हैं. इस पोस्ट के बाद हसनगंज थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. साल 2022 में भी वह सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद पर टिप्पणी की थी. इसके बाद छात्रों ने उनके साथ मारपीट भी की थी, जिसके चलते एक छात्र को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया था.
विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार की चुप्पी
इस ताज़ा मामले पर अभी तक लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, सोशल मीडिया पर लोगों के तीखे रिएक्शन सामने आ रहे हैं और कई लोगों ने डॉ. रविकांत पर कार्रवाई की मांग की है.