30 मिनट लेट होने पर जेल में दरोगा जी! कोर्ट ने कैथल के पुलिस इंस्पेक्टर को 1 घंटे लॉकअप में रखने की सुनाई अनोखी सजा
Kaithal News: हरियाणा की एक कोर्ट ने हत्या के मामले की सुनवाई में पुलिस इंस्पेक्टर के लेट आने पर 1 घंटे जेल में रखने का आदेश दिया. हत्या के मामले में जांच अधिकारी होने की वजह से राजेश कुमार को बार-बार कोर्ट बुलाया गया. हालांकि गवाही के बाद छोड़ दिया गया. कोर्ट 10 बजे शुरू हो जाता है, लेकिन वह सुनवाई के लिए 10.30 बजे आए.;
Kaithal News: हरियाणा के कैथल से बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक मामले की सुनवाई के दौरान बार-बार हाजिर न होने की वजह से अदालत ने पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार को 1 घंटे तक हिरासत में रखने का आदेश दिया. दरअसल यह आदेश अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश मोहित अग्रवाल ने सुनाया.
जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर को वर्दी में ही 10.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक कोर्ट परिसर में बंदी बनाकर रखा. इस घटना के बाद कोर्ट की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए हैं. वह सिरसा जिले के बड़ाबूढ़ा थाने में एसएचओ के रूप में तैनात हैं.
क्या है मामला?
इंस्पेक्टर राजेश साल 2021 में कैथल जिले के थाना सीवन में जांच अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. उस दौरान क्षेत्र में एक शख्स के भतीजे की हत्या कर दी गई. मामले में कानूनी कार्रवाई लेट होने के बाद पीड़ित परिजन ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अपील की. हत्या के मामले में जांच अधिकारी होने की वजह से राजेश कुमार को बार-बार कोर्ट बुलाया गया. हालांकि गवाही के बाद छोड़ दिया गया.
पीड़ित पक्ष ने कहा कि भतीजे की हत्या के बाद हमें न्याय नहीं मिला. बार-बार देरी हो रही है. 10 दिसंबर 2024 को मामले को जल्द निपटाने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद भी इंस्पेक्टर कोर्ट की पेशी में नहीं आ रहे थे. इस बार जब वह आए तो उन्हें अनोखी सजा सुना दी गई.
क्यों मिली लॉकअप की सजा?
कोर्ट ने आदेश में कहा, इंस्पेक्टर राजेश बार-बार कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं. कोर्ट 10 बजे शुरू हो जाता है, लेकिन वह सुनवाई के लिए 10.30 बजे आए. यह अदालत का समय बर्बाद करना है. इसलिए उन्हें 1 घंटे तक लॉकअप में रखा जाए. उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी. इतना ही नहीं अदालत ने इंस्पेक्टर की सैलरी अटैच करने का भी आदेश दे दिया.
पुलिस कर्मचारियों ने सजा किया विरोध
इस मामले पर पुलिस वालों का कहना है कि कोर्ट की नाराजगी सही है लेकिन एक पुलिस इंस्पेक्टर को जेल में रखने की सजा सही नहीं. यह बेहद अपमानजनक है. वर्दी में होते हुए राजेश के साथ सही व्यवहार नहीं किया गया. हैरान की बात यह है कि कोर्ट का आदेश लिखित में नहीं था. अगर सजा ही देनी थी तो कुछ और भी हो सकती थी.