दिल्ली में सरकार तो बन गई... अब सीएम रेखा गुप्ता के सामने क्या-क्या होंगी चुनौतियां?
दिल्ली में रेखा गुप्ता ने सीएम की शपथ ले ली है. भाजपा सरकार ने ₹2,500 महिला सहायता, आयुष्मान भारत, स्वच्छ यमुना और शहरी विकास को प्राथमिकता दी है. बजट में गर्भवती महिलाओं को ₹21,000 और सार्वजनिक परिवहन में सुधार शामिल होगा. आरआरटीएस, दिल्ली मेट्रो और FAME योजना के तहत नई बसें जोड़ी जाएंगी। वित्तीय स्थिरता और स्वच्छता प्रमुख लक्ष्य होंगे.;
दिल्ली को नया सीएम मिल गया है. बीजेपी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान सौंप दी है. लेकिन अब आम आदमी पार्टी को करीब 12 साल बाद सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने वाली बीजेपी को दिल्ली में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए कई लोकलुभावन वादे तो कर दिए लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
केजरीवाल सरकार पर आरोप लगते रहे कि फ्री की रेवड़ियां बांटने के चक्कर में सरकारी खजाना खाली कर दिया गया. खुद केजरीवाल सरकार के वित्त विभाग कह चुका था कि दिल्ली सरकार की माली हालत खस्ता है. ऐसे में नई बीजेपी सरकार के सामने भी कई चुनौतियां मुंह खोले खड़ी हैं. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बड़ी चुनौतियों के बारे में.
महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता
भाजपा के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक था कि उसकी सरकार 8 मार्च तक पात्र महिला लाभार्थियों को ₹2500 प्रति माह देगी. अपने चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमने अपनी बहनों को हर माह ₹2500 देने की गारंटी दी है. यह गारंटी पूरी होगी क्योंकि यह मोदी की गारंटी है. आप देखेंगे कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनेगी और 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन से महिलाओं के खाते में पैसे आने शुरू हो जाएंगे.
आयुष्मान भारत योजना को शीघ्र लागू करना भी भाजपा सरकार की प्राथमिकता होगी. साथ ही नए वित्तीय वर्ष के बजट को जल्दी से तैयार करना होगा, जिसमें महिलाओं के लिए इस योजना के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए ₹21,000 की सहायता राशि का प्रावधान भी शामिल होगा.
यमुना को स्वच्छ करना है चुनौती
हर नई सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने का वादा करती है. 2015 में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि दो साल के भीतर नदी इतनी स्वच्छ होगी कि उसमें स्नान किया जा सकेगा. चुनावी प्रचार के दौरान यमुना नदी की प्रदूषण समस्या बड़ा मुद्दा रही. भाजपा ने यह दावा किया कि वह यमुना को स्वच्छ करने का कार्य पूरा करेगी, जो कांग्रेस और आप सरकारें अपने कार्यकाल में नहीं कर सकीं.
हालांकि, यह काम बहुत ही जटिल है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि दिल्ली से गुजरने के दौरान यमुना में प्रदूषकों की मात्रा सबसे अधिक बढ़ जाती है. इसमें उद्योगों से निकलने वाला गंदा पानी और कॉलोनियों से निकलने वाले बिना ट्रीट किया गया पानी प्रमुख कारण हैं. साथ ही, मानसून के अलावा वर्षभर नदी में जल की मात्रा अपर्याप्त रहती है, जिससे इसे साफ रखना और भी कठिन हो जाता है. नई सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती होगी.
दिल्ली की बिगड़ी है वित्तीय स्थिति
आप सरकार के कार्यकाल, विशेष रूप से दूसरे कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों में वित्त विभाग ने दिल्ली की आर्थिक स्थिति को लेकर कई चेतावनियां दी थीं. चुनावों से पहले आप सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत निधि से ₹10,000 करोड़ का उच्च-ब्याज वाला ऋण मांगा था. भाजपा सरकार ने चुनावी वादे के रूप में घोषणा की थी कि आप सरकार द्वारा दी जा रही सभी सब्सिडी जैसे मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए बस यात्रा जारी रहेंगी. इसके अलावा, भाजपा ने अपनी कुछ नई योजनाएं भी जोड़ी हैं. नई सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह स्थिति बनी रहे और साथ ही केंद्र सरकार की RRTS और DMRC से वित्तीय संतुलन भी बना रहे. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए केंद्र की FAME योजना के तहत नई बसें शामिल करने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाना होगा.
एलजी के साथ मिलकर करना होगा काम
पिछली आप सरकार ने कई बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की धीमी प्रगति के लिए एलजी ऑफिस और नौकरशाही को जिम्मेदार ठहराया था. भाजपा ने 'डबल इंजन' सरकार का वादा किया था, क्योंकि दिल्ली नगर निगम में भी उसकी सरकार है. अब उसे जल्द से जल्द इन वादों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. सड़क मरम्मत, फ्लाईओवर निर्माण और लैंडफिल में जमा कचरे के पहाड़ों को हटाने के लिए बड़े बजट का आवंटन करना होगा. बता दें, नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही कैबिनेट नोट्स और प्रस्ताव तैयार कर लिए गए थे ताकि योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सके.